हेलो, मेरा नाम अर्चना यादव है, मैं भरतपुर डिस्ट्रिक्ट के कामा थाने में सुरक्षा सखी के रूप में कार्य करती हूं, हमारी सुरक्षा सखी की मंथली मीटिंग होती है, जिसमे हमने कुछ सुझाव दिए थे महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए, तो उसपर पुलिस ने बहुत अच्छे से कार्यवाही की है, और हम उनके कार्यो से बहुत खुश है, हमने महिलाओं के लिए कुछ ऐसी सार्वजनिक स्थल है जहाँ पर उनको असामाजिक तत्वों की वजह से दिक्कत होती थी, उसके लिए सुझाव पुलिस को दिया, कुछ हमारे यहाँ पर जो लड़कियाँ है, गर्ल्स स्कूल है, कॉलेज है, गर्ल्स की, वहां पर छुट्टी के टाइम पर दिक्कत होती है बच्चियों को घर आने जाने में, तो हमने पुलिस को सुझाव दिया की, छुट्टी के टाइम पर बच्चियों के स्कूल और कॉलेज के आस पास, पुलिस की ड्यूटी लगायी जाये, जिससे की बच्चियों के साथ में जो समस्या होती है छेड़छाड़ की उस पर प्रतिबन्ध लगाया जाये। पुलिस ने हमारे इस कार्य को बखूबी बहुत अच्छे से किया, और इस कार्य से भी हम बहुत खुश है, हमारे कार्यक्षेत्र में जो थाना आता है उसके जो थानाधिकारी हैं वह अपनी कार्य बहुत ही अच्छे से करते है, और जिस प्रकार हमारे यहाँ के थानाधिकारी हमारी समस्याओं को सुनकर उनका निवारण करते है, अगर ऐसे ही समस्याओं का निवारण हर पुलिस थाना क्षेत्र में किया जाए तो वह समय दूर नहीं जब हमारे यहां पर जो कानूनी अपराध होते हैं सामाजिक जो अपराध होते हैं, उनको जल्दी से बहुत कम किया जा सकता है और इसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा महिलाओं के लिए खासकर बच्चियों के लिए महिलाओं के क्षेत्र में हम सुरक्षा सखियों को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया ताकि हम अपनी सामाजिक स्तर पर जो भी समस्याएं हैं, जो हमारे आसपास में माहौल में जो भी हो रहा है उसको हम अच्छे से पुलिस के सामने रख सके और उन समस्याओं का समाधान करवा सके, इसके लिए सुरक्षा सखियों को बहुत ही सक्रियता से कार्य करना होता है तो हमारे द्वारा जो भी समस्याओं से पुलिस को अवगत कराया जाता है, अभी तक हम मीटिंग में जो भी समस्या रखते हैं उसका बहुत ही अच्छे से निवारण किया जाता है, जिससे हम बहुत ही खुश है और इस प्रकार महिलाओं के लिए बच्चियों के लिए अगर ऐसा कानून कार्य करता रहा तो एक दिन महिलाये अपने आपको समाज में बहुत अच्छे से आगे बढ़ा सकती हैं पढ़ाई करने के क्षेत्र में, और इसके लिए हमें महिलाओं को सबको मिलकर कार्य करना होगा।