Anonymous woman from Salgaon gaon is reporting than woman in her community are very upset as most of their husbands come home drunk at night and beat them up. They want to like a peaceful life and have a better lifestyle. They are seeking for help

मै बिना वर्मा, पनवार से, पुलिस थाना देवली तहसील जिला टोंक, मै यह कहना चाहती हूँ मेरा सुझाव है कि कभी भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए छोटी उम्र में बच्चों को पढ़ाई नहीं छुड़ाना चाहिए और वह बच्चे स्कूल जाने चाहिए, शिक्षा से वंचित नहीं रहे, अगर घर वाले कि बच्चे या लड़कियों को नहीं पढ़ाते है, बाल श्रम में भेजते है तो तो उन्हें समझाना चाहिए, कि भाई आप इनको पढ़ाओ मजदूरी के लिए मत भेजो, बच्चे पढ़ाई छोड़ के बाहर मजदूरी करना तो गरीबी का कारण है, और वह पढ़ाई छोड़ देते,है और पढ़ाई छोड़ने का कारन एक यह भी है की मृत्यु होने पर मृत्युभोज के लिए लोग कर्ज लेते है ब्याज से, और भी बहुत से ब्याज कर्ज होते है जिसकी वजह से टेंशन की वजह से बच्चे पढ़ाई छोड़ देते है, बेटा और बेटी दोनों में फर्क नहीं करना चाहिए, दोनों को एक सामान समझना चाहिए, अगर बेटे को एक गिलास दूध देते है तो उसी तरह बेटी को भी एक गिलास दूध पिलाना चाहिए, बाल विवाह नहीं होना चाहिए, बाल विवाह की रोकथाम के लिए सरपंच, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड मेंबर, इनको सूचना होनी चाहिए बाल विवाह न होने दे और यदि कही बच्चा होटल में मजदूरी करते दिखे तो उन्हें रोका जाये। धन्यवाद

Gita from Kota, Kunadi thana, is saying that the reason for Child Labour is her father being an alcoholic and their financial condition not being stable and also the fact that her parents are not educated

गांव से 3 किलोमीटर दूर, मेरी लड़की है जो गर्ल्स स्कूल आती है] उसके पीछे पीछे लड़को का झुण्ड जाता है तो क्या करे इसके बारे में बताइये, और घरवाले भी लड़की को गलत ठहराकर लड़के ठीक, की अच्छा है अच्छा काम कर रहा है,.

हेलो, मेरा नाम ग्राम साथिन गिरी कुमारी, मैं ग्राम पंचायत चिकानी से हूं, मैम आपका बहुत अच्छा सजेशन लगा हम लोगों को. कि हम समुदाय में एक ग्रुप के माध्यम से इस विषय को रखेंगे और महिलाओं को बताएंगे कि हमारे विभाग का घरेलू हिंसा पर 2005 का जो घरेलू हिंसा है इसके ऊपर अधिनियम बना है आप लोग इस चीज को सहे नहीं और बढ़िया तरीके से उनके बीच में एक मीटिंग के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं के बीच में एक मीटिंग के माध्यम से यह रखेंगे, जिससे महिलाएं जागरूक होगी और अपने अधिनियम के प्रति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर के इस पर ध्यान देंगी और अपने कानून के बारे में समझ सकेंगी।

मेरा नाम सीमा है और थाने की सुरक्षा हूँ, हमारे यहां पर स्कूल में शौचालय नहीं हैं, वहां पर लड़कियां असुरक्षित महसूस करती है, शौचालय में पानी भी नहीं है और ना ही शौचालय के ऊपर छत है, हमारे यहां यह परेशानी हैं.

मैं गढ़वा गांव से बात कर रही हूं हमारा चौपांकी थाना लगता है मैं सुरक्षा सखी सीमा हूँ.

मेरा नाम रजनी है मैं खुशखेड़ा थाने की सुरक्षा हूं और हमारी 18 तारीख को मीटिंग होने वाली हैं जिससे संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए हम अपने स्कूल के प्रिंसिपल से कल मिले थे हमने उनसे परमिशन ली और बच्चियों से बात भी की और अपने गांव का नक्शा भी बनाया है और जहां हमें खतरे होने की संभावना नजर आ रही है वहां हमने रेड कलर के हाईलाइट भी किया है और अभी एग्जाम शुरु हो रहे हैं इसलिए हमारे गांव के बस स्टैंड पर थोड़ा खतरा हो सकता है यह बात हम ठाणे में सूचित करेंगे।

अलवर जिले के शाहजहाँपुर थाना अंतर्गत पलावा गांव की सुरक्षा सखी, उनका कहना है की, उन्होने अपने गांव का नक्शा बनाया था उन जगहों पर जहाँ कुछ घटना हो सकती है, ऐसी घटनाओं पर ध्यान देने के लिए थानाधिकारी को बोला था की एक बार जहाँ ख़तरा है या दिखाई दे रहा है, उस पर ध्यान समय से पहले दिया जाये, मैंने कुछ असुरक्षित जगह बताई थी जैसे सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं से संबंधित समय सुबह 9:00 बजे से 10 बजे और शाम 4:00 बजे से 4:30 बजे तक का समय बताया, उन पर पुलिस ने पेट्रोलिंग की गई जहां पर जाकर मैंने खतरा बताया था उस पर पुलिस ने ध्यान दिया और इन स्थानों पर पुलिस के द्वारा एक दो बार गस्त के रूप में आए धन्यवाद।

मैं सुनीता बोल रही हूं मैं धर्मपुरा से जिला भरतपुर सेवर थाना, मैं यह कहना चाहती हूं हमारे गांव में धरमपुरा से निकलते हैं वहां एक पुल पड़ता है रास्ते में टोल प्लाजा से उधर, पुल के नीचे से होकर का रास्ता आया हुआ है हमारे गांव में, तो वहां पर लड़कियों को कई लोग ऐसे मिलते थे दारू पीकर जो लड़कियों को छेड़छाड़ करते थे तो हमने थाने में जाकर यह कहा सर से, तो पुलिस ने वहां पर कईं दिन तक गश्त लगाया, क्योंकि वहां पर लोगो के मोबाइल छीन लेना और मारपीट करना ऐसा होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है, अब कोई ऐसी परेशानी नहीं है, मैंने लड़कियों को समझाया है की अकेले नहीं जाया करो साथ में ग्रुप में जाया करो. तो लड़कियां अब साथ में आती जाती है. तो हम यह चाहते है की वहां पर एक चौकी बन जाये क्योकि फिर भी अभी थोड़ा परेशानी होती है लड़कियों को जाने में झिझक होती है.