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बिहार राज्य के सारण जिला के रूद्रा पंचायत से धर्मशीला देवी जो आकांक्षा सेवा सदन से जुड़ी हुई हैं, मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहतीं है, कि वो अपने पंचायत की पंच हैं ,वो बताती पहले वो बैठकमें नहीं जाती थी तो गांव की औरतें बोलती थी ,कि पंच तो हो गयी है पर कुछ जानती नहीं है। मेरी पंचायत मेरी शक्ति के कार्यक्रम की बैठक में जाने लगी तो समझाया गया की पंचायत की बैठक में महिलाओं को भी हिस्सा लेना चाहिये। नीलिमा की कहानी से बहुत बदलाव आया है ,अभी बाढ़ के कारण जितने लोगो के घरों मर पानी घुसा है उनका फॉर्म भर कर जमा की हैं और मुखिया के यहाँ भगति दौड़ती हैं।
बिहार राज्य के वैशाली जिला के खरौना पंचायत से ज्योति कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहतीं है, कि नीलिमा की कहानी सुन कर उनमे बहुत बदलाव आया है ,उनके माता पिता उनकी शादी करना चाहते थे इस लॉक डाउन में परन्तु उनको अपनी पढ़ाई करनी थी, आगे की घर वाले मान नहीं रहे थे। आशा संस्था की हेड आकांक्षा सेवा सदन की हेड को अपनी बात बतायी और उन्होंने उनके माता पिता को समझाया अब उनकी शादी रुक गयी है
बिहार राज्य के वैशाली जिला के खरौना पंचायत से ज्योति कुमारी जो आकांक्षा सेवा सदन से जुड़ी हुई हैं मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहतीं है, कि नीलिमा की कहानी सुन कर उनमे बहुत बदलाव आया है ,बैठक में जाने से बहुत सी बातों की जानकारी मिलती है। जेंडर भेदभाव के बारे में जानकी मिली उनके माता पिता उनकी शादी करना चाहते थे, इस लॉक डाउन में परन्तु उनको अपनी पढ़ाई करनी थी आगे की और घर वाले मान नहीं रहे थे। आशा संस्था की हेड आकांक्षा सेवा सदन की हेड को अपनी बात बतायी और उन्होंने उनके माता पिता को समझाया तो अब उनकी शादी रुक गयी है
बिहार राज्य के वैशाली जिला के भगवानपुर प्रखंड के करहरी पंचायत से चंदा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहती हैं,कि उनको नीलिमा की कहानी अच्छी लगती है
बिहार राज्य के जिला मुज्फरपुरर से पूनम देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वे नीलिमा की कहानी से बहुत प्रभावित हुई है। पर आज भी समाज और घर में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। अगर किसी महिला के घर में हिंसा हो रही है और ये उसे रोकना चाहती है तो उनके पति कहते है कि दूसरे के मामलो में तुम क्यों जा रही हो। महिलाओ के साथ रोक टोक लगा रहता है वे अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकती है। इनके ग्राम में आम सभा होती है और इनके क्षेत्र की मुखिया एवं वार्ड सदस्य भी महिला है पर शादी के दस वर्ष हो गए फिर भी इनको उस बैठक में शामिल होने नहीं दिया जाता है।
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बिहार राज्य के वैशाली जिले की रहने वाली जया पटेल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि अक्सर देखा जाता है कि पुरुष महिला को अपने पैर की जूती समझते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि महिला पुरुष की गुलाम होती है हमारे समाज में ऐसा कब तक चलता रहेगा। कब तक महिलाएं हिंसा सहती रहेंगी कब तक उन पर अत्याचार होता रहेगा आइए हम सब मिलकर हमारे समाज के हमारे देश के अत्याचार को मिटाये। अगर हम एक होकर इसकी शुरुआत करें तो हमें कामयाबी जरूर मिलेगी