सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि मुकेश अंबानी कोरोना काल में बच्चों की ऑनलाइन एजुकेशन में मदद के लिए 555 रुपए का 3 महीने वाला जियो रीचार्ज मुफ्त दे रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलनों के बीच हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र का समर्थन करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने साल 2006 में एपीएमसी एक्ट को खत्म किया था, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिला है और अब इसी की तर्ज पर देश भर में ये कानून लागू किया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

देश के प्रमुख लेखक-सांस्कृतिक संगठनों ने किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए 8 दिसंबर के देशव्यापी बंद को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है. न्यू सोशलिस्ट इनीशिएटिव, दलित लेखक संघ, अखिल भारतीय दलित लेखिका मंच, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, इप्टा, संगवारी, प्रतिरोध का सिनेमा और जनवादी लेखक संघ ने आज 6 दिसंबर को किसान आंदोलन की मांगों और 8 तारीख़ के भारत बंद के समर्थन में बयान जारी किया

फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा की है. इस वीडियो में ब्रेकिंग न्यूज़ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कुछ केन्द्रीय मंत्रियों की तस्वीरें फ़्लैश हो रही हैं. वीडियो के बैकग्राउंड में वॉइस ओवर चल रहा है जिसमें दावा किया गया कि देश में दुबारा से लॉकडाउन जारी किया जाएगा. हालांकि आॅल्ट न्यूज ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि पीएम मोदी ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक करीब आठ घंटे के बाद खत्‍म हुई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई. फिलहाल दोनों के बीच बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका लेकिन दोनों पक्षों ने पाँच दिसंबर को एक बार मिलने का फैसला किया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

देशभर में किसानों के समर्थन में वाम दलों ने प्रदर्शन किया। उनके इस प्रदर्शन में उनके सहयोगी जनसंगठन भी सड़क पर उतरे। दो दिन पहले ही सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने अपने कार्यकर्ताओ से सड़क पर उतरकर किसानों का साथ देने को कहा था। जिसके बाद से ही लगातर बंगाल, हिमाचल, बिहार, पांडुचेरी, तमिलनाडु, केरल, असम सहित देश के तमाम राज्यों में वाम दलों और उनके सहयोगी जनसंगठनों के लोगों ने किसानो के समर्थन में प्रदर्शन किया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

देश में जारी कोरोना संकट के बीच इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का चलन बढ़ गया है. सरकार की तरफ से फर्जी खबरों पर यकीन नहीं करने की बार-बार अपील भी की जाती रही है. ताजा दावा कोरोना वैक्सीन को लेकर किया जा रहा है. एक व्हाटसएप फॉरवर्ड मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि देश में कोरोना की एक वैक्सीन बनकर तैयार हो गई है. पीआईबी की फैक्ट चेक में यह दावा फर्जी पाया गया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोविड-19 मरीजों के मकान के बाहर पोस्टर लग जाने के बाद उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार हो रहा है और यह एक अलग तरह की जमीनी हकीकत बयान करता है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने का उद्देश्य उनके साथ भेदभाव करना नहीं, बल्कि यह अन्य लोगों की सुरक्षा की मंशा से किया गया था.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत सरकार मध्याह्न भोजन यानी मिड-डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिन में एक समय का गर्म खाना प्राप्त होता है. केंद्र सरकार गेहूं-चावल के साथ प्रति बच्चे पर 4.5-7 रुपये प्रति दिन की राशि खर्च करती है. स योजना में खाना पकाने और हेल्पर के रूप में 25 लाख महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. इसका मतलब यह नहीं कि इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं. बीच-बीच में खबर आती रहती है कि दूध या दाल को पानी में घोलकर बच्चों को परोसा जाता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

सुप्रीम कोर्ट ने को केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 को लेकर आंगनवाड़ी के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर हलफनामा दायर करें. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने कहा, ‘भारत सरकार 11 नवंबर 2020 को जारी दिशानिर्देशों को लागू किए जाने को लेकर विस्तृत हलफनामा दायर करे.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।