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जब इंसान खुद के साथ साथ दूसरों की परवाह भी करता है तो वो समाज में इंसानियत का उदाहरण पेश करता है। पंजाब में रहने वाला एक व्यक्ति कुछ इसी प्रकार सभी के लिए एक उदाहरण बना। जीत गई जिंदगी के तहत इस व्यक्ति की कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर।

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साथियों, आप सुन रहे हैं जीत गई जिंदगी लेकिन आज एक जिंदगी हर गई और इस हार की वजह शायद इन्सान की वो जरूरत है। जिसे पूरा करने एक सपना हम सब देखते हैं। कोरोना का सबसे ज्यादा असर हमरे देश की प्रगति के पहियों यानी की गरीबों,दिहाड़ी पर काम कर रहे कामगारों पर पड़ा है। पर साथियों यदि आपको किसी भी तरह से अपनी जरूरत पूरी करने में कोई मुश्किल आ रही है तो हम तक जरूर साझा कीजिये अपने फोन में नंबर-3 दबाकर

जीत गई जिंदगी कार्यक्रम में आपका स्वागत है। इसमें हम सुनेंगे कि किस तरह हमे साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जीत हासिल करनी है।दोस्तों स्वास्थ्यकर्मी का साथ देकर हम उनकी हिम्मत बढ़ा सकते है

जीत गई जिंदगी कार्यक्रम में आपका स्वागत है। जब उम्मीद की एक किरण भी दिखती है। तो उस किरण की छोटी सी राशि भर से ही हमारे दुनिया में उजाला हो जाता है और इस मुश्किल भरे वक़्त में कोरोना वायरस को हरा कर घर लौटने वाला हर इंसान अपने साथ वही रौशनी ले कर सबके मन में उजाला कर रहा है।

जीत गई जिंदगी कार्यक्रम में आपका स्वागत है। कोरोना वायरस से घबराना नहीं बल्कि इससे बचाव के तरीकों को अपनाने की जरुरत है।सरकार और डॉक्टर्स के सलाहों को अपनाना है और घर पर रह कर ही कोरोना से लड़ना है।साथ ही अपने आस-पास कोई भी जरुरत मंद मिले तो जितना हो सके उनकी मदद जरुरत करना चाहिए।

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