झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के पंचायत जहाँगी से सुनीता देवी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनके गाँव के पंचायत में हर सुविधा प्राप्त होनी चाहिए। साथ ही अस्पताल और बच्चों के लिए विद्यालय खुलना चाहिए

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झारखण्ड राज्य के बिष्णुगढ़ प्रखंड के हज़ारीबाग़ जिले से रीता देवी वार्ड सदस्या मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनके बगल में एक महिला और बेटा दोनों में 12 बजे रात में लड़ाई हो गई थी। जब हल्ला का आवाज होने लगा तो रीता देवी ने उनके घर जाकर देखा की उस महिला का बेटा लड़ाई कर रहे थे और साथ ही अपनी विकलांग बहन के साथ भी लड़ाई कर रहा था। उस महिला के लड़के ने अपनी माँ को मारा और कान में पहने हुए झुमके को खींचा जिससे उस महिला के कानों से खून निकलने लगा। तब रीता देवी ने उस महिला के बेटे को समझाया और महिला को तुरंत अस्पताल ले जाकर उसका इलाज करवाया

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

झारखंड राज्य के जिला हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कोरोना वाइरस ऐसा जानलेवा बीमारी है जिससे बहुत कुछ हो सकता है तथा जान भी जा सकती है। इससे कई लोगों की जान चली गई है इसलिए इससे बचने के लिए आप घर में रहिए और साफ सफाई का ध्यान रखिए और जरूरत पड़े तो ही घर से बाहर जाइए।वही कहती है कि बाहर जाने समय मास्क का इस्तेमाल करे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तथा समय-समय पर हाथ को भी धोएं। वही अगर कुछ जरूरत हो तो अपने पंचायत के नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर बीमारी के बारे में पता करे। वही वह मानसिक तनाव के बारे में कहती है कि लोगों में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है जब से कोरोना वाइरस आया है।

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

झारखंड राज्य के जिला हज़ारीबाग़ के गांव छोटा दरभंगा से बबीता कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनके गांव में महिला के लिए खाने-पीने का व्यवस्था नहीं था जिसकारण वह घर से खाना मंगाती थी खाती थी तथा उनके साथ भेद भाव किया जा रहा था जिसकारण व्यवस्था नहीं दिया जा रहा था

झारखंड राज्य के जिला हज़ारीबाग़ के गांव छोटा दरभंगा से कन्याकुमारी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बाहर से आई महिला को क्वारंटाइन सेंटर में चौदह दिन के लिए रखा गया था और उसके साथ भेदभाव किया जाता था। जिसकारण उसे खाने पीने का पैसा भी नहीं था और वह अपने घर से खाना मंगा कर खाती थी

जब इंसान खुद के साथ साथ दूसरों की परवाह भी करता है तो वो समाज में इंसानियत का उदाहरण पेश करता है। पंजाब में रहने वाला एक व्यक्ति कुछ इसी प्रकार सभी के लिए एक उदाहरण बना। जीत गई जिंदगी के तहत इस व्यक्ति की कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर।