झारखण्ड राज्य के बिष्णुगढ़ प्रखंड के हज़ारीबाग़ जिले से रीता देवी वार्ड सदस्या मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनके बगल में एक महिला और बेटा दोनों में 12 बजे रात में लड़ाई हो गई थी। जब हल्ला का आवाज होने लगा तो रीता देवी ने उनके घर जाकर देखा की उस महिला का बेटा लड़ाई कर रहे थे और साथ ही अपनी विकलांग बहन के साथ भी लड़ाई कर रहा था। उस महिला के लड़के ने अपनी माँ को मारा और कान में पहने हुए झुमके को खींचा जिससे उस महिला के कानों से खून निकलने लगा। तब रीता देवी ने उस महिला के बेटे को समझाया और महिला को तुरंत अस्पताल ले जाकर उसका इलाज करवाया

झारखण्ड राज्य के बिष्णुगढ़ प्रखंड के हज़ारीबाग़ जिले से रीता देवी वार्ड सदस्या मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि वह सभी महिलाओ के साथ बैठक कर रही थी। तभी एक रानी नाम की महिला बैठक में शामिल हुई। रानी ने बैठक में अपने साथ हो रहे हिंसा के बारे में बताया की उसका पति उसे रोजाना मरता है। तभी रानी का पति वह आता है और उसे अपनी पत्नी से कहता है की अच्छा देखता हूँ जब तुम्हे मै मरूंगा तो कौन बचता है। तभी वह की महिलाओं ने रानी देवी का साथ दिया। साथ ही रीता देवी ने रानी के पति से कहा कि आप छूकर देखो तो पुलिस को बुलाकर जेल करवा देंगे। तब जाकर रानी का पति दर गया और उसने पत्नी को मारा भी। नहीं

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झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के टीकर पंचायत से प्रिया कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती है,कि लॉक डाउन में बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ी कपड़े फट गये क्यूंकि घर से बहार निकलना नहीं पड़ रहा था। घर में रह कर घर के बहुत से काम की ।

झारखण्ड राज्य के पोस्ट- हतुआ चतरा जिले से दीप्ति कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनके गाँव के आंगनबाड़ी केंद्र में किशोरियों को मिलने वाली जानकारियाँ नहीं मिल पाती है

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

झारखंड राज्य के चतरा जिला से मनगलम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता प्रस्तुत कर रही है.

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

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झारखण्ड राज्य के इचाक प्रखंड के हज़ारीबाग़ जिले से सुधा कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि जब से लॉकडाउन हुआ है उसके बाद से उन्हें खेलने में दिक्कत होती है, दवाई दुकान जाने में भी दिक्कत होती है और पढ़ाई में भी दिक्कत होती है