विरनो. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उ0 प्र0 में नाइल कर्फ्यू जारी है। फिर भी सरकार ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर सोमवार को नाईट कर्फ्यू में छूट दी है। इस पर्व पर कोविड प्रोटोकॉल के साथ सरकार ने विशेष छूट दी है। मंगलवार को रात से नाईट कर्फ्यू जारी हो जायेगा। प्रदेश में जन्माष्टमी पर्व धूम-धाम से मनाने के लिए योगी सरकार ने प्रतिबंधों की बेड़ियां तोड़ दी हैं। उ0 प्र0 शासन ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर रात्रि कर्फ्यू में विशेष छूट दी है। इस क्रम में केवल एक दिन के लिए रात्रि कर्फ्यू हटाया गया है। सोमवार को 10 बजे रात्रि से मंगलवार सुबह 6 बजे तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर नाईट कर्फ्यू में छूट रहेगी।

Transcript Unavailable.

शहरों में ऑफिस दोबारा खोले जा रहे हैं लेकिन फिर भी यहां से जो छोटे—मोटे ठेले, पान की दुकानें गायब हुईं हैं वो अब भी खाली हैं. ट्रेनों में यात्रियों की भीड है पर इस भीड़ में चने—मूंगफली बेचने वाले नही हैं. क्या सोचा है आपने कि वे सब कहां गए? वे लोग जो गांव से निकलकर शहर आए थे और छोटा—मोटा रोजगार कर अपना और परिवार का पेट पाल रहे थे आखिर वे गए कहां? क्यों लॉकडाउन खुलने के बाद भी वे वापिस नहीं आए? आखिर क्या हुआ उनका? सरकार ने कोरोना राहत पैकेज के तहत स्वरोजगार करने वालों को बिना ब्याज के लोन सुविधा देने का एलान किया लेकिन फिर भी बहुत से लोग खुद को वापिस खड़ा नहीं कर पाए हैं? क्या ऐसा इसलिए है कि लोन लेने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उन पर पहले से ही कर्ज बहुत ज्यादा है? क्या अब शहरों में इन छोटे रोजगार करने वालों की जरूर खत्म हो गई है? क्या शहरों की होटलों, ढाबों या दूसरे छोटे संस्थानों में मजदूरों की मांग कम हो गई है? अगर ऐसा है तो यहां काम करने वाले पुराने मजदूर अब कहां हैं? वे कैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं? अगर आप ऐसे किन्ही मजदूरों के बारे में जानते हैं तो हमें उनकी स्थिति के बारे में जरूर बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3

साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

Transcript Unavailable.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बड़ा फैसला जिसके तहत प्रदेश सरकार रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेश की जनता को तोहफा देने जा रही है. दरअसल, इस दिन से यूपी पूरी तरह अनलॉक हो जाएगा यानी रविवार की बंदी भी खत्म हो जाएगी जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में आदेश दे दिए हैं. जल्द ही शासन की ओर से इस बाबत विस्तृत दिशा-निर्देश जारी हो जाएंगे सरकार ने यूपी में कोविड-19 संक्रमण की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया है क्योंकि कुछ दिन पहले ही दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी में आंशिक छूट देते हुए सरकार ने शनिवार की बंदी भी खत्म कर दी थी प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने तब रविवार को साप्ताहिक बंदी जारी रहने की बात कही थी. इसको लेकर गृह विभाग ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की. अब रविवार की बंदी भी समाप्त कर दी जा रही है. हालांकि, अनलॉक होने के बावजूद प्रदेश में सरकार संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतेगी ऑडिओ क्लिक कर पूरी जानकारी सुनें ..............

विरनो- उ0 प्र0 में कोरोना महामारी को लेकर ब्यापक नियंत्रण के बाद अब योगी सरकार जीवन शैली को सामान्य बनाने के लिए अभियान में लगी है। प्रदेश में लॉक डाउन समाप्त करने के बाद बाज़ारों को खोला गया। माध्यमिक स्कूलों को खोलने का इजाजत दिया गया है। अब बेसिक प्राथमिक विद्यालयों को खोलने की भी तैयारी चल रही है। कोरोना संक्रमण का असर कम होने पर कक्षा 6 से 8 व प्राइमरी स्कूल 1 से 5 को भी शीघ्र खोला जायेगा। बेसिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को रक्षाबंधन के बाद 23 अगस्त से स्कूल भेजने की तैयारी है। इसके बाद कक्षा 1 से 5 तक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे भी स्कूल जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। इस सम्बंध में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रक्खा जा रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सोमवार को लोक भवन में स्वास्थ्य विशेसज्ञ सलाहकार समिति के साथ समीक्षा की है।

दोस्तों, शिक्षक का पद बहुत ही गरिमामय है, वे हमेशा अपने छात्रों को स्वाभिमानी बनने की शिक्षा देते हैं, सोचिए उनके लिए यह समय कितना विकराल रहा है? स्कूल बंद, कोचिंग बंद, नौकरी नहीं, तनख्वाह नहीं... हाथ खाली और वे बस बेबस! सरकार ने गरीबों को राशन दिया, अच्छी बात है पर एक शिक्षक का आत्मसम्मान तो उसे वहां तक भी नहीं पहुंचा सकता. सरकारी शिक्षकों के पास तो फिर भी तनख्वाह पहुंच रही थी लेकिन संविदा शिक्षक, निजी स्कूल में आॅनलाइन कक्षाएं ना ले पाने वाले शिक्षकों या फिर ऐसे शिक्षक जो छात्रों तक नहीं पहुंच पाए क्या उनके साथ सबकुछ ठीक रहा? अब जबकि हालात सामान्य की ओर हैं, तब भी स्कूलों से शिक्षक नदारद हैं. कुछ ने अपने लिए नए काम की तलाश कर ली है तो कुछ रोजगार की तलाश में हैं. साथियों, हम आपसे जानना चाहते हैं... कि क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

उत्तर प्रदेश राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर क्योंकि अब दो दिन की साप्ताहिक बंदी से राहत मिल गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसले लेते हुए कोरोना कर्फ्यू को एक दिन का कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश राज्य में कोरोना कर्फ्यू सिर्फ रविवार को ही रहेगा। जिसमें सोमवार से शनिवार तक बाजार खुलेंगे और अब सभी जनपदों में अब 14 अगस्त से यह निर्देश प्रभावी हो जाएगा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी नें आदेश दिए कि सभी स्थानों पर कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाए। इसी के साथ सरकार ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर कोचिंग संस्थानों को भी खोलने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद गृह विभाग विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार 14 अगस्त से सोमवार से शनिवार तक सुबह छह बजे से रात दस बजे तक ऑडियो क्लिक कर पूरी जानकारी सुनें.......

दोस्तों, लॉकडाउन के अकेलेपन को हम सबने झेला है पर खतरा अभी टला नहीं है और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जता चुके हैं. ऐसे में क्या इस तरह की लापरवाही ठीक है? हमें बताएं कि आखिर क्यों सार्वजनिक स्थलों पर इतनी ज्यादा आवाजाही हो रही है? क्या स्थानीय प्रबंधन इसे रोकने के लिए कोई प्रयास कर रहा है? क्या केवल चालान काटने और जुर्माना लगा देने भर से कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवाही को रोका जा सकता है या फिर इसके लिए आम लोगों का जागरूक होना ज्यादा जरूरी है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.