किसानों को नहीं मिलेगी पीएम सम्मान निधि, ई–केवाईसी न होने से बढ़ी परेशानी

किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर से भी भारी व्यवस्था व फोर्स की है तैनाती-देवनारायण सिंह

गाजीपुर से किसानों की बड़ी संख्या पहुँचेगी दिल्ली सरकार को करनी पड़ेगी व्यवस्था-रामशेवक सिंह चौहान

उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जनपद में इन दोनों दो दिन से हुई बारिशों की वजह से कई किसानों का कहना है कि हमारा ज्यादा नुकसान हो रहा है तो कई लोगों का कहना है कि हमारी फसलों को पानी मिल रहा है जिससे फसल अच्छी तैयार होगी इस पर आपकी क्या राय है गाजीपुर मोबाइल वाणी के नि:शुल्क नंबर 09266300111 पर मिस कॉल कर जरूर रिकॉर्ड करें......

बिरनो क्षेत्र बद्धूपुर लहलहाती दलहनी फसलों बारिश व तेज हवा के चलते काफी नुकसान देखा गया वहीं किसानों का मानना है कि ऐसी स्थिति रही तो काफी नुकसान भुखमरी आ जाएगी छोटे-छोटे किसानों ने माथा पकड़ कर खेतों में बैठ रहे हैं इस साल गेहूं तिलहन की अच्छी फैसले देख किसान काफी खुशहाल थे लेकिन बार-बार बारिश वह हवा होने से काफी नुकसान देखा जा रहा है

पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके

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