किसानों को नहीं मिलेगी पीएम सम्मान निधि, ई–केवाईसी न होने से बढ़ी परेशानी
जनपद गाजीपुर के दुल्लहपुर क्षेत्र में कई जगह आज भी जर्जर तार इस तरह लटके पड़े हुए हैं जहां कब टूटकर गिर जाए यह कोई नहीं जानता है क्योंकि कई बार इसके पूर्व में तार टूटकर गिर चुके हैं जिससे लोगों को इसका भय रहता है कि कहीं-कभी कोई अनहोनी ना हो जाय फिलहाल टूटने के बाद मरम्मत कर तो तेजी से कर आपूर्ति को चालू कर दी जाती है लेकिन इस समस्या से लोगों को कैसे निजात मिले यह लोगों की समझ से बाहर है जबकि इसकी शिकायत भी कई बार की जा चुकी है जहां मोटा तार भी लगाया गया है लेकिन लोड अधिक होने की वजह से तार टूट कर गिर जाता है
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गाजीपुर में जमानियां तहसील के बरूइन गांव स्थित सीएचसी में डीएम के निर्देश के डेढ़ साल बाद भी आक्सीजन जनरेटर प्लांट (पीएसए यूनिट) के जले हुए स्टार्टर एवं केबल की मरम्मत विभागीय लापरवाही के चलते नहीं हो सकी। जिसके चलते आक्सीजन का उत्पादन न होने से यह प्लांट शोपीस बनकर रहा गया है। गम्भीर रोगों से ग्रस्त यहां आने वाले मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है, जहां संचालक उनका जमकर आर्थिक शोषण कर रहे। ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो वर्ष पूर्व कोरोना की चपेट में आने से मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। हर तरफ ऑक्सीजन सिलेंडर का अभाव था। जिसका फायदा निजी अस्पताल संचालक मरीजों से दो से तीन गुना अधिक आक्सीजन का चार्ज लेते थे। जिसे देखते हुए सरकार ने तीस बेड के इस सीएचसी में 2021 में 60 लाख की लागत से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराई थी, जिसका शुभारंभ तीन जनवरी 2022 को तत्कालीन जमानियां विधायक सुनिता सिंह ने किया था।
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साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
उत्तरप्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के ग्राम सुल्तानपुर से मीरा ने ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी तक जून माह का राशन नहीं मिला है।कुपोषित बच्चों और धातृ महिलाओं को मिलने वाला अनाज भी अब तक नहीं बँटा है। यह अब तक क्यों नहीं आया है
उत्तरप्रदेश के ग़ाज़ीपुर जिले के बिरनो क्षेत्र के ग्राम सभा रायपुरसे कपिल देव रओ ने ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पीएम सम्मान निधि को लेकर बसंती देवी के नाम से रजिस्ट्रेशन हुआ था लेकिन अब तक एक भी किश्त नहीं मिल पाई है। इन्होंने प्रधान और लेखपाल से कई बार मिली मगर आश्वासन देकर लेखपाल कहता है कि आपका पैसा खाते चला गया है। बैंक जाकर पता करने पर बताया गया कि खाते में पैसे नहीं आये है।
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िला मोहम्मदाबाद से जावेद ने ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वो राशन कार्ड बनवाने के लिए बहुत भागदौड़ किये लेकिन अब तक नहीं बन पाया है। उनके बच्चों का आधार कार्ड भी मणि बन पा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वो विकलांग पेंशन के लाभुक है लेकिन कम पेंशन के कारण उन्हें भरण पोषण में समस्या होती है