उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर जिला से कपिल देवी राम ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राम दत्त चौहान से बात किया। बातचीत के दौरान राम दत्त ने बताया की, मौसम बदलने के वजह से खांसी, जुकाम, बुखार से लोग परेशान है। तथा डेंगू का भी खतरा बना हुआ है। इससे बचने के लिए अपने घर के अगल बगल कूड़ा कचरा नहीं फेकना चाहिए और कम बारिश होने से फसल में कमी देखने को मिल रही है। जिससे किसान परेशान है
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाजीपुर से बिरनो -क्षेत्र ग्राम सभा तियारा के ग्राम प्रधान गंगाराम से साक्षात्कार लिया गया। उन्होंने बताया कि बदलते पर्यावरण मौसम में काफी लोग बीमार पड़ रहे हैं और परजीवी बैक्टीरिया कीटाणु मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार हो रहा है। और उन्होंने बताया कि हम अपने कार्य क्षेत्र में अपने ग्राम सभा में नाली साफ सफाई का तत्पर ध्यान रखते हैं और कम बारिश होने की वजह जो पेड़ पौधे की कटाई हो रही है इससे काफी मौसम प्रभावित है
उत्तर प्रदेश राज्य के ज़िला गाजीपुर के बिरनो -क्षेत्र ढेबुहा चट्टी से पर्यावरण परिवर्तन के विषय पर डॉक्टर सोमनाथ से साक्षात्कार लिया। इन्होंने बताया कि पर्यावरण में बदलते मौसम में लोग काफी बीमार पड़ रहे हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव हेतु मच्छरदानी लगाएं ,खान-पान पर ध्यान रखें। बदलते पर्यावरण में कम बारिश होने का कारण जो पेड़ पौधे कट रहे हैं इसी की वजह से कम बारिश भी हो रही है। इससे किसानो के खेतो में लहलहाती फसल भी कम दिख रही है
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उत्तर प्रदेश राज्य के जिला ग़ाज़ीपुर से लल्लन सिंह यादव ने मौसम परिवर्तन के विषय पर विनोद कुमार से साक्षात्कार लिया।विनोद कुमार ने बताया इस वर्ष मानसून समय पर नहीं आने से धान की फसल की पैदावार कम हुई। पेड़ पौधे बहुत काटे जा रहे है इस वजह से बारिश नहीं हुई। पर्यावरण को बचाए रखने के लिए पेड़ पौधों संरक्षण भी आवश्यक है
उत्तर प्रदेश राज्य के ज़िला ग़ाज़ीपुर से लल्लन सिंह यादव ने मौसम परिवर्तन के विषय पर लालूराम यादव से साक्षात्कार लिया लालू यादव ने बताया बारिश के लिए पर्यावरण में पेड़ पौधों की आवश्यकता होती है। इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल की पैदावार अच्छी नहीं हुई। पेड़ पौधों की कटाई से मानसून नहीं बन पाया और बारिश नहीं हुई और इसका असर फसल पर हुआ
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से लल्लन सिंह ने पर्यवरण के विषय पर एक किसान खोजू वर्मा से साक्षात्कार लिया। खोजू वर्मा ने बताया उन्होंने इस साल धान की फसल लगायी थी लेकिन बारिश अच्छी नहीं होने से फसल अच्छी नहीं हुई। और इसका कारण पेड़ो का काटा जाना है। अगर हम पेड़ काटने से ज्यादा पेड़ लगाएंगे तो हमे हवा भी शुद्ध मिलेगी और बारिश भी अच्छी होगी जिससे फसल भी अच्छी होगी
विजय नारायण चौहान ने बताया पर्यावरण दो शब्दों से बनाया गया है परी तथा आवरण। परी का आशय होता है चारो ऒर तथा आवरण का आशय होता है परिवेश। पर्यावरण अर्थात वनस्पतियों ,प्राणियों सहित सभी सजीवों संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहते है। पर्यावरण में मुख्य रूप से वायु ,जल ,जीव जंतु ,भूमि ,पेड़ पौधे ,मानव और उनकी विविध गतिविधियों का परिणाम का समावेश होता है। पर्यावरण में इस वर्ष वर्षा कम होने से धान की फसल को नुकसान हुआ है। फसल की पैदावार में कमी आयी। पर्यावरण में पेड़ पौधे निरंतर काटे जा रहे है। इसके लिए सरकार अगर कानून बनाया की एक पेड़ काटने पर दस पेड़ लगाने होंगे। पेड़ पौधे वायु को शुद्ध करते है और हमे शुद्ध ऑक्सीजन देते है इसलिए पेड़ पौधे अत्यधिक आवश्यक होते है
उत्तर प्रदेश राज्य के ज़िला गाजीपुर से लल्लन सिंह ने मौसम परिवर्तन के विषय पर एक किसान से साक्षात्कार लिया। किसान ने बताया आजकल पेड़ बहुत काटे जा रहे है और पेड़ लगाए नहीं जा रहे है इस वजह से मौसम परिवर्तन हो रहा है और इस वर्ष बारिश नहीं होने की वजह से धान की फसल भी अच्छी नहीं हुई
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से अंजलि मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि मौसम में अचानक संपर्क में आने से ह्यूमिडिटी में भी बदलाव होता है और ये ही बीमार करने का अहम कारण होता है. ह्यूमिडिटी में बदलाव होने से शरीर के इम्यून सिस्टम पर ज्यादा असर पड़ता है. इससे ही इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और कोई भी वायरस आदि शरीर पर जल्दी असर डाल देते हैं और बीमार होने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. साथ ही मौसम बदलाव से शरीर का टेम्प्रेचर बदलने लगता है और इस बदलाव में ही लोग अक्सर बीमार हो जाते हैं.