बिहार राज्य के सारण जिला के दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दी है कि स्वास्थ्य विभाग के लिए सरकार ने बहुत सारी योजनाएं बनाई है।लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से स्वास्थ्य विभाग को अपने कार्यों में कामयाब होते नहीं देखा जा रहा है।दिघवारा स्वास्थ्य केंद्र में मरीज़ों को कोई भी सुविधा नहीं मिलती है। मरीज़ों को प्रसव और बीमारियों से सम्बंधित नाम मात्र की ही दवायें उपलब्ध हैं, ज़्यादातर दवायें बाहर से खरीदनी पड़तीं हैं,जिस पर कमीशन बंधी होती है।कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाते है।मरीज़ों के रख-रखाव के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है।अधिकारी भी इस पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं।सरकार कई योजनाएं लागू करती है लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से व्याप्त भरष्टाचार के कारण मरीज़ों तक सुविधायें नहीं पहुंच पातीं हैं ।

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मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य का सर्वाधिक महत्व है।स्वास्थ्य के बिना धन ,संपत्ति, मनोरंजन और अन्य सुविधाएं महत्व हीन हैं।इसीलिए सरकार भी आम जनता के स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारी योजनाएँ चलाती रहती है।सरकार विगत 7-8 वर्षों से स्वास्थ्य सेवा में बेहतर सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन,ऐसा देखा जाता है कि लोगों को बेहतर स्वस्थ्य सेवा मुहैया कराने वाला स्वास्थ्य केंद्र खुद ही बीमार है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के सृजित पद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक नहीं भरे जा सके हैं।लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी निजी चिकित्सकों के यहां जाना पड़ता है,जहां लोगों को ज्यादा खर्च कर इलाज कराना पड़ता है।चाहे सरकार कितना भी स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही हो, लेकिन इन सारी कोशिशों के बावजूद मुख्य स्थानों को छोड़कर अधिकतर अस्पतालों में गंदगी के अंबार लगे देखे जाते है।श्रोताओं,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों को उचित उपचार व साफ सफाई की व्यवस्था सही तरीके से नहीं किये जाने के पीछे आखिर क्या वजह है?आपके अनुसार सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में और क्या-क्या सुविधाएँ होनी चाहिए ,जिससे मरीजों को होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके ?क्या अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले सुविधाएँ विफल साबित हो रहीं हैं?आपके अनुसार सरकारी अस्पतालों को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?