लखीमपुर जिले में छोटे बच्चों में चिकन पॉक्स रोग काफी तेजी से फैलने लगा जिसके आज तीन बच्चे जिला अस्पताल में दिखाने के लिए आए

टी बी रोगियों का इलाज के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा

भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?

शर्म को ज़रा किनारे करके अपने बच्चों को AIDS के बारे में विस्तार से बताएं ताकि वो इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रहे। साथियो अगर आप भी एड्स से जुडी कोई जानकारी हमसे साझा करना चाहते हैं तो फ़ोन में अभी दबाएं नंबर 3 का बटन और रिकॉर्ड करें अपनी बात।

चीन में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर, एलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग पीआईसीयू वार्ड का सीएमएस ने किया निरीक्षण संतकबीरनगर: चीन में इन दिनों छोटे बच्चे निमोनिया के चपेट में अधिक आ रहे हैं। इससे वहां के अस्पतालों में बीमार बच्चों से बेड भर चुके हैं। छोटे बच्चों में सर्दी , खांसी, जुकाम व बुखार समेत अन्य समस्याएं आ रही हैं। इन रोग से पीड़ित बच्चे यदि अस्पताल में अधिक मात्रा में आए तो इसके लिए सीएमएस ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। सोमवार को पीआईसीयू वार्ड का उन्होंने निरीक्षण किया। वैसे तो अस्पताल में छोटे बच्चों के उपचार के लिए दस बेड का पीआईसीयू वार्ड संचालित है। इसके अलावा एसएनसीयू व तीस बेड का अलग से एक अस्पताल संचालित हो रहा रहा है। इसमें बीमार बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जाता है। जो गंभीर रूप से बीमार बच्चे रहते हैं उन्हे चिकित्सक पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कर उपचार करते हैं। इस वार्ड में दस बेड पर वेंटिलेटर भी लगे हैं ताकि यदि मरीज गंभीर हो जाएं तो चिकित्सक उनका बेहतर उपचार कर सकें। वैसे अब ठंडक ने दस्तक देना शुरू कर दिया है, ऐसे में खर्दी,खांसी, बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या अब बढ़ती जाएगी। जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन चौकन्ना हो गया है। बाल रोग विशेषज्ञ की 24 घंटे रहती है तैनाती पीआईसीयू वार्ड में 24 घंटे बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती रहती है। इसके अलावा टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, स्टाफ नर्स के अलावा अन्य कर्मी तैनात रहते हैं। इन कर्मियों की शिफ्ट के तहत डियूटी लगाई जाती है, ताकि मरीज को परेशानी न हो। इन वार्ड में दवाओं की भरपूर उपलब्धता रहती है । वैसे तो हमारे वहां बच्चों को भर्ती कर उपचार करने के लिए भरपूर बेड व वेंटिलेटर है। पोर्टेवल वेंटिलेटर भी हमारे पास हैं। मरीजों की संख्या बढ़ती है तो सब तैयार हैं। -डॉ भवनाथ पांडेय, सीएमएस

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टीबी के मरीज खोजना पर ग्वालियर सबसे प्रथम स्थान पर है ।

वायु प्रदूषण से हमारे शरीर के अंदर कई तरह की बीमारी उत्पन्न हो सकती हैं।

देश के सभी नागरिको को सही स्वास्थय मिले , इसे लेकर सरकार ने 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। यह भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को देश के अस्पतालों में 5 लाख रु तक की मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत पहली अगस्त 2023 तक 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। ज़ाहिर है , सरकार ने इस योजना प्रचार बहुत व्यापक तौर पर किया। नेताओ के साथ साथ सरकारी जनता ने भी देश के नागरिको को समझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार गरीबो की मसीहा है। लेकिन आज 5 साल बाद अब इसी आयुष्मान भारत योजना की हकीकत अब लोगो के सामने आ रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. कैग ने इस योजना को लेकर जारी की अपनी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था. यहीं नहीं इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है. ---------------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके गांव या जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? ---------------वहां पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल रही है ? ---------------क्या आपके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है और क्या आप उसका लाभ उठा पा रहे है ? ----------------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

सीतामढ़ी से दीपक पटेल जानकारी के मुताबिक आपको बताते चले सीतामढ़ी जिला के अंदर अब सभी बीमारियों का इलाज मुफ्त में है जारी जांच कारण बीमारी भगाएं अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें धन्यवाद