electronic voting machine ka upyog Hamare Pita Se Sahi nahi hai

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EVM / वायलेट पेपर से चुनाव कराना इसमे बहुत ही धांधली होती है evm मशीन से कराना बहुत ही अच्छा सिद्ध होगा

सामाजिक कार्यकर्ता समीर कुमार ने ईवीएम मशीन के बारे में बताया कि ईवीएम मशीन वर्तमान समय की मनुस्मृति के समान है जिस तरह से पहले मनुस्मृति में खास वर्गों के लिए ही जगह होती थी उसी तरह से ईवीएम मशीन भी है और यह एक तकनीक है कि एक तकनीक के माध्यम से कुछ गलतियां भी होती है उन्होंने उदाहरण देकर समझाएं कि आपको मोबाइल फोन का यूज करते हैं वह भी एक तकनीक से बना हुआ और इसमें कॉल फॉरवर्ड करने का डाइवर्ट करने की सुविधा होती है उसी तरह ईवीएम मशीन में हैं वह ट्रांसफर हो सकता है साथ में ईवीएम मशीन का प्रयोग नहीं करते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी 2019 का लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए ताकि जनता को संतुष्टि मिल सके की हमने किसे वोट दिया

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार जी ने मुंगेर की आवाज के माध्यम से ग्रामीण जयंत पासवान जी से बातचीत कि। बातचीत के दौरान जयंत पासवान जी ने ईवीएम मशीन के सदुपयोग दुरुपयोग पर बात रखते हुए बताया कि ईवीएम मशीन का कई जगह पर खुद का उनका भी अनुभव है ,कि ईवीएम मशीन से दुरुपयोग बोट कम होता है। खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में जो ग्रामीण है, जब वोट डालने जाते हैं तो एक साथ में एक या दो से भी ज्यादा बटन दबा देते हैं. ऐसी स्थिति में बोर्ड की भी बर्बादी होती है लेकिन अगर पेपर से चुनाव होता है तो पढ़े-लिखे के साथ मूर्ख भी सही जगह पर लगाते हैं और उनको पता है कि हमने वोट दिया इसलिए बैलेट पेपर से ही चुना होता कि सभी को पता चले कि हमने की और सरकार बनने में जो जनता की भागीदारी होती है वह पूरी हो पाएगी।

मुंगेर से विपिन कुमार की रिपोर्ट

मुंगेर से विपिन कुमार की रिपोर्ट

जनता की रिपोर्ट कड़ी में ग्रामीण ने अपनी बात रखते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोट करना भी ठीक है लेकिन उसमें संतुष्टि होने चाहिए मोटर को कि वह जिस पार्टी को वोट दिया उसके पास भी वह स्लिप हो हालांकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर बड़े पैमाने पर धांधली हो सकती चुकी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है इसमें कई तरह की समस्या भी आती है आपको वोट किसी और को 2 दिखाता कुछ और ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर तो प्रश्न चिन्ह है लेकिन वक्त के साथ इलेक्ट्रॉनिक मशीन में सुधार कर अगर वोटिंग किया जाता है तो वह भी ठीक है उन्होंने यह भी बताया कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का भी बचत होता है इसमें सुधार करके किया जाता है तो वोटिंग मशीन भी ठीक

हर उपयोगी तकनीक का दुरुपयोग भी संभव है वर्ष 2004 से भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ चुनाव कराया जा रहा है परंतु इसके दुरुपयोग साबित नहीं हो पाई है और शांतिपूर्ण चुनाव होने में निश्चित मदद मिली है जबकि बैलेट से वोटिंग होने पर कई बार अशांति की जानकारी और पूर्वजों से मुझे मिली है.

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से अवैध ठाकुर जी ने मुंगेर की आवाज के माध्यम से एक व्यवसायी पवन कुमार जी से बातचीत की। बातचीत के दौरान पवन जी ने बताया कि ई.वी.एम .के द्वारा वोटिंग या वैलेट पेपर द्वारा होना चाहिए। क्युँकि ई.वी.एम आगे बढ़ने का पहला पहचान है और वालेट पेपर में चोरी होने की गुंजाइश रहती है। साथ ही पवन जी का कहना है कि जो भी शिक्षित लोग हैं वो ई.वी.एम को ही पसंद करेंगे ये टेक्नोलॉजी काी दुनिया है।देश में अधिकतर लोग शिक्षित हो चुके हैं और उनको पता है कि ई.वी.एम से किसी प्रकार की छेड़ छार नहीं हो सकती है।