बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि 18 साल से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वापसी की लड़ाई लड़ रहे बिहार को आखिर खुशखबरी मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई प्रशासकों ने कहा है कि बिहार इस साल सितंबर से राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग ले सकेगा।इससे पहले सौरभ गांगुली की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तकनीकी समिति ने सर्वसम्मति से बिहार को फिर से रणजी ट्रॉफी 2018-19 सत्र में शामिल करने की सिफारिश कर चुकी है।15 नवंबर 2000 को झारखंड के गठन के बाद और राज्य के विभाजन के बाद से बिहार को रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और किसी अन्य घरेलू टूर्नामेंट में खेलने का अवसर नहीं मिला है। तब बीसीसीआई ने बिहार की जगह झारखंड के बोर्ड की फुल मेंबरशिप दी थी।बिहार

बिहार के जिला गिद्धौर से भीम राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जनता की सुविधा के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने अपने प्रयासों से देश में बुलेट ट्रेन की नींव रख दी है, मगर बुलेट ट्रेन चलाने से पहले भारतीय रेल में कई अन्य सुधार की आवश्यकता है। सबसे पहले ट्रेनों का संचालन समय पर किया जाये ,विदेशों में ट्रेन के लेट हो जाने पर यात्रियों को मुआवज़ा दिया जाता है और रेल पर जुर्माना लगाया जाता है। जब की अपने समय में ट्रेन का लेट होना आम बात है। इसी तरह रेलवे प्लेटफार्म पर दो-तीन गुणा महंगे खाद्य पदार्थ खरीदने पर भी यात्रीगण मजबूर होते हैं। सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरुरत तो है ही ,मानव रहित क्रॉसिंग को भी ख़त्म करने के प्रयास जल्द होने चाहिए।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि खून की कमी का मुख्य कारण शरीर में लौह तत्वों की कमी का होना बताया जाता है। शरीर को हेल्दी और फिट रहने के लिए अन्य पोषण तत्वों के साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन खून में हीमोग्लोबिन नामक पदार्थ के निर्माण के लिए जरूरी है। यही हीमोग्लोबिन रक्त में ऑक्सीजन का वाहक होता है एवं इसी की वजह से खून का रंग लाल होता है। हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती व शरीर शर्करा और वसा का दोहन कर ऊर्जा नहीं बना पाता। ऐसी स्थिति होने पर महिलाएं एनीमिया की गिरफ्त में आ जाती हैं। मासिक धर्म के कारण होने वाली आयरन की कमी के चलते महिलाएं वर्ष भर में अपने कुल रक्त का 22 फीसद खो देती हैं। साथ ही दूषित रक्त के साथ बहुत सारे जरूरी खनिज एवं धातु भी निकल जाते हैं। यदि ऐसे में उनकी आपूर्ति न हो तो गंभीर समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं। हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जैविक खाद से खेती की लागत में कमी आती है और इसके इस्तेमाल से मिट्टी की जीवांश शक्ति बढ़ती है। साथ ही मिट्टी में जलधारण क्षमता, जीवाश्म के अनुपात में वृद्धि के अलावा पीएच मान नियंत्रित होता है। प्राकृतिक रूप से उत्पादित अन्न सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वहीं नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरक के इस्तेमाल से ¨सचित भूमि में उगाए गए गेहूं और मक्के में प्रोटीन की मात्रा 20-25 प्रतिशत कम हो जाती है। इन माइक्रो अवयवों के चलते पेड़-पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। रासायनिक उर्वरक का अधिक इस्तेमाल कर उगाया गया अन्न सेहत के लिए ठीक नहीं है। इससे मिट्टी में प्राकृतिक रूप से मौजूद खनिज तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है। जैविक खाद के उपयोग से पीएच मान को भी नियंत्रित कर बेहतर उत्पादन किसान प्राप्त कर सकते हैं। आज के परिवेश में रासायनिक खाद स्वास्थ्य व सेहत के लिए हानिकारक है। लोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसको लेकर सरकार ने भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरूआत की है।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि एक स्वास्थ्य मानव शरीर को प्रतिदिन 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्सियम की ज़रूरत होती है। जबकि हमारे देश भारत में औसतन लोग 430 मिलीग्राम ही कैल्सियम ले पाते है। कैल्सियम की खुराक लेते वक्त यह ध्यान देना चाहिए कि अगर शरीर में कैल्सियम की कमी हो जाती है तो इससे तरह-तरह की बीमारियां हो सकती है। जो लोग रोज़ाना भोजन में 1223 मिलीग्राम कैल्सियम की खुराक लेते है,वे हमेशा स्वास्थ्य जीवन जीते है।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि तेल एवं गैस कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर पर उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी है। कंपनियों की ओर से मई माह के लिए रसोई गैस सिलिंडर की कीमत तय कर दी गई है। राहत के नाम पर एक रुपये की कमी गई है।14.2 किलो वाला गैर रियायती रसोई गैस सिलिंडर एक मई से 734 रुपये में मिलेगा। अप्रै्रल में इसकी कीमत 735 रुपये थी। 19 किलो वाला कॉमर्शियल सिलिंडर 1318.50 रुपये में मिलेगा।अब तक इसकी कीमत 1327.00 रुपये थी। इसमें 8.50 रुपये की राहत मिली है। मई माह में प्रति सिलिंडर 240.72 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। अप्रैल में यह राशि 241.67 रुपये थी।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हर वर्ष 1 मई को अंतराष्ट्रीय मजदुर दिवस मनाया जाता है। अपने देश में भी इस दिन मजदूरों के लिए तमाम घोषणाएं की जाती है,मगर शायद वो 1 मई तक ही सिमित रह जाती है। मजदुर और मजबूर एक ही सिक्के के दो पहलु है। आज हमारे देश में मजदूरों की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जितनी होनी चाहिए। मजदुर हर मौसम में अपने शरीर को भष्म करने के बाद कई जगहों पर उनको सही हक़ तक नहीं मिलता है,वे खून के घूंट पीते रहते है। मगर अपने ऊपर होने वाले जुल्म के विरुद्ध आवाज़ को नहीं उठा पाते है। क्योंकि एक तो मजदुर संगठन नहीं है और फिर वे मजबूर भी होते है। निजी क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति और भी खराब होता है। सरकार को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जिला जमुई में सिविल सर्जन डॉ श्याम मोहन दास ने रविवार को सदर अस्पताल का औचक निरिक्षण किये एवं स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक निर्देश भी दिए । इस दौरान उन्होंने अस्पताल के पूछताछ केंद्र,नियंत्रण कक्ष,आपातकालीन कक्षा,प्रसव कक्ष आदि का जायजा भी लिए।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गिद्धौर प्रखंड में आज सोमवार सुबह आंधी तूफ़ान के साथ वर्षा हुई। वर्षा होने से इलाके में तापमान में कमी आई और लोगो को गर्मी से राहत मिली।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। अगर आप भी ट्रेन से यात्रा करते हैं. कभी गलती से आपको टीटीई को जुर्माना देना पड़ता है तो आपको कैश देने की जरूरत नहीं है। आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से टीटीई को जुर्माने की रकम दे सकते हैं। इसके लिए रेलवे जल्द ही ट्रेनों में चलने वाले टीटीई और टीसी सहित रनिंग स्टाफ को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन उपलब्ध कराई जाएंगी। ऐसा माना जा रहा है ये व्यवस्था जून महीने तक ट्रेनों में लागू कर दी जाएगी।कहा जा रहा है कि यात्री जुर्माना ही नहीं डेबिट और क्रेडिट कार्ड से खाने-पीने की चीजें भी खरीद सकेंगे। रेलवे ने ये कदम केंद्र सरकार की कैशलेस व्यवस्था को देखते हुए उठाया है। रेलवे पिछले काफी समय से ट्रेन में सवार यात्रियों से डिजिटल लेनदेन करने की कवायद में लगा है। अमूमन यात्रा के दौरान यात्री के पास रुपये नहीं होने पर खाने-पीने की काफी दिक्कत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि यात्री डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भी लेनदेन कर सकते हैं।