नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा कृषि में जैव उर्वरक एज़ोला के उपयोग के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

मेरे साथ पढ़ने वाला एक मित्र अचानक से दुबई चला गया और लौट के आया 5 साल बाद हालाकि फेसबुक पर लगभग रोज बात होती रहती थी फिर भी 5 साल बाद जब वह वापस आया तो हम सभी मित्र मंडली ने उससे पूछा और बताओ कैसी है अरब की जिंदगी, उसने जो जवाब दिया उसी के भाषा और लहजे में आपके सामने रख रहा हूं पांच साल हो गये थे सऊदी में काम करते हुए पहला एक साल कर्ज़ उतारना दूसरा तीसरे साल की कमाई बहनों की शादियों की भेंट चढ़ गया । चौथे साल कुछ बचत करके आने की सोचा तो अब्बा की तबियत खराब हो गई फिर नहीं आ सका और अब्बा गुज़र भी गये बूढ़ी अम्मा घर पर अकेली थी लेकिन कोई बचत नहीं तो हिम्मत भी नहीं पड़ रही थी । पांच साल सऊदी में रहने के बाद खाली हाथ घर जाऊं लेकिन अम्मा की ज़िद और बहनों ने भी कहा भैया आ जाओ हमें कुछ नहीं चाइये बस आ जाओ. कहा तो हिम्मत बढ़ी।कुछ उधार बारी करके टिकट लेके वापस आगया की कोई बड़ी ज़िम्मेदारी तो है नहीं अब यहीं कुछ कर लेंगे । आने के दूसरे दिन बहन से मिलने गया बहन भी अब बच्चों वाली हो चुकी थी आते वक्त भांजों के हाथ पर सौ रूपया रख कर वापस हुवा । दूसरी बहन के यहाँ पहुंचने पर पास के पैसे भी खत्म हो चुके थे लेकिन उसे ये उम्मीद थी ये बहन जो कुछ ज़्यादा नज़दीक है कुछ नहीं बोलेगी । वहां से वापसी होने पर भांजे के हाथ पर कुछ नहीं रख पाया घर पहुंचने पर अम्मा ने बताया की इक बहन का फोन आया था बोली भाई पांच साल बाद सऊदी से आया था मेरे बच्चों के हाथों पर सौ रूपल्ली रख के गया इतना तो हम फकीरों को दे देते हैं। दूसरी बहन बोली की पांच साल बाद सऊदी से आया था अगर बच्चों के हाथ पर 10 रुपये भी रख देता तो बच्चें कहते मामू आये थे. लेकिन मेरी नाक कटा दी ससुराल में खाली हाथ चले गये। मैं अब वहां खड़ा अपने पिछले 5 सालों की कमाई का हिसाब लगा रहा था। ये सिर्फ एक आदमी की बात नही है बल्कि पैसे कमाने वाले ज्यादातर आदमियों का यही हाल है आप पैसे कमा रहे हो तो आप को सब कुछ मिलेगा मान सम्मान लेकिन किसी कारण वश आज आप नही कमा रहे तो अब किया मिट्टी में मिल जाता है

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Govt Rules: कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। हाल ही में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है जिसमें कहा है कि अब 3 बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। तो आइए नीचे खबर में जानते है सरकार के इस फैसले के बारे में विस्तार से...   मध्यप्रदेश में यदि आप सरकारी नौकरी में हैं और आपके घर भी तीसरा बच्चा जन्म लेने वाला है तो आपकी नौकरी खतरे में है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें तीसरी संतान के जन्म लेने के बाद सरकारी नौकरी से हटाया जा रहा है। इतना ही नहीं यदि आपकी पहले से तीसरी संतान है और आपने यह बात सरकार से छुपाई है तो भी नौकरीजाने वाली है।ताजा मामला भिंड जिले का है, यहां सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक की हाल ही में नौकरी लगी थी। जब सरकार को पता चला कि उनकी तीसरी संतान भी है, तो उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई। मध्यप्रदेश के भिंड जिले के सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षण गणेश प्रसाद शर्मा की हाल ही में माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 में भर्ती हुई थी। गणेश प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ शिकायत हुई, तो जांच में पाया गया कि 26 जनवरी 2001 के बाद उनकी तीसरी संतान भी है। जांच में यह भी पता चला कि नियुक्ति के दौरान शपथ-पत्र में गणेश प्रसाद शर्मा ने गलत जानकारी देकर नियुक्ति हासिल की थी।

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तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा ग्रीष्मकालीन भिंडी की खेती कैसे करे सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...