आज के परिप्रेक्ष्य में किसानों के लिए अन्न व गन्ना की खेती करने के बदले ज्यादा लाभकारी तथा नगदी कमाई का जरिया बन सकता है फल एवं सब्जी की खेती
पट्टी के 113 वें ऐतिहासिक दशहरे मेले का भरत मिलाप आज सात दल के साथ तीन विद्युत मंडल का होगा भव्य प्रदर्शन पट्टी। ऐतिहासिक दशहरे मेले का आज मंगलवार की रात में संपन्न होने वाले भरत मिलाप में नगर के विभिन्न मार्गो से निकलने वाले दल व रायपुर रोड तथा सिविल लाइन के विद्युत मंडल अपने प्रदर्शन से दर्शकों को आकर्षित करेंगे। कमेटी के अध्यक्ष जुग्गी लाल जायसवाल ने बताया कि भरत मिलाप की रात में सिविल लाइन से श्री राम दल पट्टी चौक से श्री भरत दल, मेन रोड से श्री हनुमान दल, बाईपास तिराहा से जय संतोषी मां मंडल, शिव दल, चमन चौक से कृष्णा दल व दशरथपुर बाजार से मां काली दल अपने साज-धाज के साथ रात 10 बजे से निकलना शुरू होंगे। इनके साथ पुलिस के साथ ही कमेटी के सदस्यों की ड्यूटी लगाई गई है। इसी के साथ ही रायपुर रोड पर सीएचसी के सामने एकता कलात्मक झांकी विद्युत मंडल द्वारा कलात्मक झांकी द्वारा लोगों का मनोरंजन किया जाएगा। जो विगत कई वर्षों से ऐतिहासिक दशहरे मेले के भरत मिलाप में लोगों का आकर्षण केंद्र भी रहा है। इसी के साथ ही सिविल लाइन में श्रीराम विद्युत मंडल द्वारा पटरियों पर इलेक्ट्रिक सजावट की जाएगी। समिति द्वारा मुख्य मार्ग को विद्युत लाइटों से सजाया गया है। बता दें कि सभी दलों के साथ निकलने वाली कलात्मक झांकियां पूरी रात दर्शकों का मनोरंजन कस्बे में भ्रमण कर करेंगी।
संतकबीरनगर: छठ महापर्व के अंतिम दिन सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सूर्यदेव को अर्घ्य देकर अपने पुत्रों व परिवार के कुशलता की कामना की। छठ मां का प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन किया। घाटों पर व्रतधारियों व परिजनों की भारी भीड़ रही। व्यवस्था व सुरक्षा के लिए प्रशासन व पुलिस जूझते रहे। देर रात से ही व्रतधारी महिलाएं अपने परिजनों के साथ नदी-घाटों पर पहुंचने लगीं। डलिया में फल-फूल, ठेकुआ, मिठाई सिर पर लिए नंगे पांव श्रद्धालु महिलाएं पास के नदियों और पोखरे के लिए घरों से निकल पड़ीं। उनके साथ पति, पुत्र, पुरोहित तथा परिवार के सदस्य भी रहे। कांच के बांस के बहंगिया... और सुनु लेहु अरज हमार हे छठी मैया आदि गीत गाते हुए महिलाएं पूजा स्थल पर पहुंची। गन्ने के मंडप तले बनी वेदी पर छठ माता की अच्छत, फूल, सिन्दूर आदि से पूजन किया, आरती उतारी। सूर्य के उदय होने पर हाथ में केश की लट को लेकर अर्घ्य दिया। प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन किया। खलीलाबाद शहर के समय माता मंदिर पोखरा, हनुमान मंदिर, विधियानी मंदिर पोखरा, मड़या पोखरा , गौसपुर पोखरा सहित आधा दर्जन स्थानों पर रेला उमड़ा। मगहर, मेंहदावल, धर्मसिंहवा, नंदौर, बखिरा, तामेश्वरनाथ, हरिहरपुर, नाथनगर, हैंसर, पौली व बिड़रहर के घाटों पर भी व्रतियों ने अर्घ्य दिया। पूजा स्थल की सफाई, बिजली व्यवस्था, वेदी बनाने, टेंट लगाने, चाय व दूध वितरित करने से लेकर प्रसाद वितरण की एक-दूसरे से होड़ लगी रही। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हुआ छठ पूजा महापर्व मगहर। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का छठ महापर्व का व्रती महिलाओ ने सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दे कर व्रत का समापन किया। आमी नदी के पावन तट पर दो जगह पटना घाट, कबीर चौरा पंचवटी शिव मंदिर व धोबी घाट के छठ घाट पर व्रती महिलाओं का रेला लगा हुआ था। आमी नदी तट पर छठ महापर्व के अंतिम दिन सोमवार को प्रात 6 बज कर 45 मिनट सूर्य के उदय होने की घोषणा पं. अश्वनी मिश्रा ने शंखनाद करके की। नगर के समाज सेवियों ने सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घरों को जाने वाली व्रतियों में हलुआ, चना, चाय एवं फल का प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर परिसर में व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ की सुरक्षा के लिए चौकी प्रभारी उदयशंकर द्विवेदी अपने पुरुष एवं महिला पुलिस कर्मियों के मुस्तैदी से लगे रहे। नदी में नाव के साथ गोताखोर भी मौजूद रहे। पूर्व चेयरमैन नूरुज्जमा अंसारी छठ पूजा समिति के अध्यक्ष अवधेश सिंह, विजय प्रकाश कान्दू, राजेश उर्फ गुड्डू वर्मा, रंजीत कन्नौजिया, गजेंद्र उर्फ गज्जू, प्रवेश वर्मा, सुधीर कुमार श्रीवास्तव, रवि प्रकाश पाण्डेय, दुर्गेश आदि मौजूद रहे ।
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बिहार राज्य की हमारी श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की रीठी स्वास्थ केंद्र में डॉक्टरों की कमी से परेशान मरीज भटकना पड़ रहा मरीजों को कटनी जिले के रीठी स्वास्थ केंद्र में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को यहां वहा भटकना पड़ रहा है, ऐसे में इलाज कराने आ रहे है मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है, बता दे की रीठी स्वास्थ केंद्र में मरीज इलाज कराने आते है तो उन्हें यहां वहा भटकना पड़ता है स्वास्थ केंद्र रीठी डॉक्टरों की कमी है
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बिहार राज्य के किशनगंज जिले की एक श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की लोक आस्था का महापर्व छठ अहले सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही संपन्न हो गया। छठ पर्व के अंतिम दिन छठवर्तियों ने विभिन्न छठ घाट पहुंच कर उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। जिले भर के विभिन्न छठ घाटों पर सुबह तीन बजे से ही छठवर्तियों की भीड़ उमड़ने लगी। जहां छठ घाटों में खड़े होकर छठ व्रतियों ने भगवान भाष्कर के उदय होने का इंतजार किया। जहां सुबह होते ही उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर भगवान भाष्कर की पूजा अर्चना की। इसके साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।
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कहानी के माध्यम से हम सीखने हैं कि किस तरीके से एक हाथी एक दूसरे का साथ देते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं वैसे ही हमें भी एक दूसरे का साथ देना चाहिए और जिंदगी में आगे बढ़ते रहना चाहिए ।
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