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जिला सारण ,सोनपुर से संजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की सोनपुर के भरपुरा पंचायतवासियो द्वारा पहलेजा स्टेशन के नामांकन के विरोध मे 4 जुलाई 2016 को अाम सभा का अयोजन किया गया। 3 फरवरी 2016 को सोनपुर और पाटलीपुत्र के बीच रेल सह सड़क पुल का उद्घघाटन किया गया था उतरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाली रेल का परिचालन हो गया है सभी रेल पदाधिकारी एवं राज्य सरकार के बीच अारोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे है पर पांच माह बीत जाने पर भी पहलेजा स्टेशन का नाम भरपुरा नही रखा गया। जब यह स्टेशन मौजे भरपुरा मे है और सबसे ज्यादा जमीन इस गांव की गयी है तो इस मौजे पर नाम रखना वाजिब है। इस मौजे के साथ राज्य सरकार और रेल मंत्रालय नाइंसाफी कर रही है।

जिला सारण ,सोनपुर से संजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनपुर अनुमंडल अस्पताल की अनियमिताओं को बताते हुए कहते है की सोनपुर अनुमंडल अस्पताल मे काफी कमियो का एहसास नागरिको को हो रहा है। इस अस्पताल मे ना तो ठीक से मरीजो की बैठने की वयवस्था है और ना ही मरीजो के रहने की हद तो तब हो जाती है जब नर्स और डॉक्टर कई दिनो तक अनुपस्थित रहते है इनके अनुपस्थित रहने से अाये दिन मरीजो की भीड़ ज्यादा हो जाने से डॉक्टर और कर्मचारी इनको बाहर इलाज के लिए प्रेरित करते है नगर पंचायत के उपाध्यक्ष सम्राट सिंह ने मरीजो के इलाज मे लापरवाही बरतने का अारोप लगाते हुए इसकी शिकायत सिविल सर्जन अनुमंडल पदाधिकारी ,चिकित्सा पदाधिकारी को की है जहा राज्य एवं केंद्र सरकार बेहतर इलाज के लिए कई योजनाए चला रही है वही सोनपुर अनुमंडल अस्पताल मे लोग जाने से कतरा रहे है। इस अस्पताल मे मरीजो को अस्पताल की दवाइयां कम मिलती है साथ ही पोस्टमार्टम होम ना रहने से लोगो को 60 किलोमीटर दूर जाकर पोस्टमार्टम करवाना पड़ता है।

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संजीव जी सारंग जिले के सोनपुर प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि एक जुलाइ से सभी सरकारी विधयालय के पठन पाठन के साथ मध्यम भोजन की भी जानकारी लेगी उनकी कार्य प्रणाली बड़ी ही रोचक होगी अगर वो अपने कार्य प्रणाली को सही ढंग से करती ही तो निश्चित ही बिहार मे पढ़ाई का अस्तर अच्छी होगी . सरकार द्वारा सारी सुविधा दी जा रही है फिर भी बच्चे की उपस्तिथि कम है एवम् पढ़ाई का भी अस्तर नीचे गिरते जा रहे है ,इसके मुख्य वजह हमारी जनता और अभिभावक लोगो ने बताया है की स्कूल मे सही ढंग से पढ़ाई नही होने के मुख्य कारण है .इसका दूसरा कारण स्कूल मे नये शिक्षक की योग्यता पर एवम् अभिभावक के अपने के अपने बच्चे के प्रति लापरवाही होने के कारण .इसका तीसरा कारण यह है कि ग़रीब वर्ग के बच्चे हीन सरकारी स्कूल मे नामांकन होती है ,जो व्यक्ति सम्म्पन है वे प्राइवेट स्कूल मे दाखिल होते है और वो सिर्फ़ अपने बच्चों की सरकारी स्कूल मे नामांकन रजिस्टर मे अंकित रखते है .ऐसे मे यह देखने को मिलती है कि शिक्षक से लेकर पदाधिकारी भी दोषी है .अतः बिहार शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करना तभी संभव है जब कड़ी करवाई की जाए आए दिन यह खबर मिलती है की शिक्षा भी घोटाले के मकड़ी जाल मे फस चुकी है ,डेगरीया भी बिकने लगीं है .

प्रखंड सोनपुर,जिला सारण से संजीत कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सोनपुर रेल मंडल पहलेजा स्टेशन जो उत्तरायण दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली रेल सह सड़क पुल पर रेल गाड़ी का परिचालन बीते 3 फरवरी से शुरू तो हो गई लेकिन पहलेजा स्टेशन पर शौचालय की सुविधा नहीं है , जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है खास कर महिला यात्रियों को जो विभिन्न प्रखंडों से पहलेजा स्टेशन आ कर पाटलिपुत्र के लिए ट्रेन पकड़ती हैं। उन्होंने बताया कि इस स्टेशन पर पिने के पानी के लिए नल की व्यवस्था तो है लेकिन पानी नहीं रहने के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है। सारण जिले के सभी यात्रियों की मांग है कि पाटलिपुत्र से छपरा के लिए सवारी गाड़ी शुरू की जाये ताकि यात्रियों को आने-जाने में सुविधा हो। साथ ही जहाँ एक तरफ रेल मंडल प्रशासन यत्रियों को सारी सुविधा मुहैया कराने की संकल्प व्यक्त करती है वहीं दूसरी ओर पहलेजा स्टेशन का दृश्य तो कुछ और बयां करती है। दोस्तों अगर आप भी इसी तरह की जानकारी मोबाइल वाणी के साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800984861 पर।