उतर प्रदेश से एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला हिंसा के सम्बन्ध में कहते हैं कि हमारे समाज में महिलाओं के साथ हो रही हिंसा का मुख्य वजह है अशिक्षा। लोग अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में करा देते हैं जिससे उन्हें ससुराल में भी प्रताड़ना सहनी पड़ती है। साथ ही दहेज़ प्रथा एक बड़ा कारण है महिला हिंसा बढ़ने के पीछे। वे कहते हैं महिला हिंसा तभी कम होगा जब लोग अपनी बेटियों की शादी उम्र में न करे। वे लोगों से अपील करते हुए कहते हैं कि बच्चियों को पढ़ाये उसके बाद ही उनकी शादी करें। इसके साथ ही ये भी जरुरी हैं कि समाज में व्याप्त अशिक्षा को दूर किया जाये और लोगों में जागरूकता फैलाई जाये। साथी ही वे प्रशासन से कहते हैं कि जब महिला हिंसा से जुड़ी कोई शिकायत आती है थाने में ,तो पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित करवाई की जानी चहिये।

चक्रवर्ती अवस्थी,उत्तर प्रदेश के जिला कानपूर विहार से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दहेज़ लेना और देना क़ानूनी अपराध है लेकिन समाज के लोग इस लेन-देन पर बहुत जोर देते।दहेज़ को इतना महत्व दिया जाता है कि लोग दहेज़ के कारण शादी से इंकार कर देते है।ऐसी स्थिति समाज में कमी के कारण संभव है जबकि बेटी भी बेटा से कम नहीं होती है इसलिए बेटा-बेटी दोनों को शिक्षित करना चाहिए।अतः इनका कहना है कि समाज में न किसी से दहेज़ लिया जाये और न ही दहेज़ दिया जाये बल्कि इस प्रथा को खत्म कर दिया जाना चाहिए।

शिवम अवस्थी,उत्तरप्रदेश के जिला कानपूर से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लड़का-लड़की में भेद-भाव नहीं करना चाहिए क्योकि लड़की को अगर शिक्षा मिलेगी और उसपर दबाव नहीं होगा तो वह उन्नति की ओर जाएगी।इसलिए लड़कियों पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं होना चाहिए।हमारे देश में ऐसी कई महिला थी जो देश का नाम की है.इसलिए लड़कियों पर भरोसा रखना चाहिए और उनको लड़को से कम नहीं समझना चाहिए।साथ ही शिक्षा बहुत जरुरी है क्योकि अगर घर में शिक्षा का माहौल होगा तो किसी प्रकार का कलह उत्पन्न नहीं होगा।इसलिए इनका कहना है कि शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना चाहिए तथा हर घर में लड़का हो या लड़की दोनों को एकसमान समझना चाहिए क्योकि लड़किया भी किसी से कम नहीं है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.