जिला जमुई सिकंदरा से ज्योति कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि काम के बोझ से आम इंसान थक कर आखिरकार बीमारियो के चंगुल में फस जाता है।ऐसे में डॉक्टर के पास जाना मज़बूरी बन जाती है।डॉक्टर मरीज को दवा लिख कर स्वस्थ होने की गारंटी देते है।लेकिन जब मरीज बाजार से दवा खरीदने जाते है।जो असली और नकली एक समान लगता है जिसे पहचानना एक चुनौती के समान लगता है।लोग किसी भी दवा को सही मान लेते है।परंतु जिस तरह से नकली दवाओं का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है उसका सीधा असर आम जनता के स्वास्थ पर पद रहा है।लोग अपनी आगे के जीवन के लिए थोड़े थोड़े पैसे जमा करते है और बीमार होने पर सही दवा नहीं मिलने के कारन जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहते है।सरकार को नकली दवाओं पर रोक लगा कर सख्त कारवाही करनी चाहिए।