शिक्षा विभाग की कोशिश है कि इस साल कोई बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। लिहाजा, पूरे प्रदेश में बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए प्रवेशिकोत्सव चलाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिया है। अब पूरे अप्रैल तक बच्चों को स्कूल पहुंचाने का अभियान चलेगा। इसके तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को हर हाल में स्कूल पहुंचाने का लक्ष्य लेकर काम होगा। जिलों में चलने वाले इस अभियान की शिक्षा विभाग नियमित मॉनिटरिंग भी करेगा। कई बच्चे किसी न किसी कारण से इस समय स्कूल से बाहर हैं। इनमें सभी आयु वर्ग के बच्चे शामिल हैं। अब इन बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान चलेगा। यही नहीं, इनके अलावा अन्य छूटे बच्चों और स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए पूरे अप्रैल तक शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र में संपर्क अभियान चलाकर ऐसे बच्चों का नामांकन करवाएंगे। अपने इस अभियान के लिए वे स्थानीय स्तर पर प्रभावी लोगों के साथ-साथ अभिभावकों का सहयोग लेंगे। अभिभावकों को अपने-अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके तहत वैसे बच्चों की भी पहचान होगी, जो विभिन्न कारणों से बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ छीजन ड्रापआउट के शिकार हुए हैं। ऐसे बच्चों को उम्र सापेक्ष की कक्षा में दाखिला कराया जाएगा। नामांकन अभियान चलाने में परेशानी भी इस समय शिक्षक तिहरी जिम्मेवारी निभा रहे हैं। उन्हें जातीय जनगणना अभियान में लगाया गया है। इसके अलावा शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में पुस्तकोत्सव भी मना रहे हैं। इसके तहत स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को पुस्तकें बांटी जा रही है। स्कूलों में जैसे-जैसे पुस्तकें पहुंच रही है, वैसे-वैसे शिक्षकों को उस कार्य में लग जाना पड़ता है। यह अभियान मई तक चलना है। लिहाजा, प्रवेशिकोत्सव में परेशानी हो रही है। इन सबके बावजूद विभाग बच्चों को हर हाल में स्कूल पहुंचाने में जुटा है।