वासहीन लोगों को अब जमीन देने के साथ ही उन्हें टाउनशिप जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यही नहीं वासहीन परिवारों को एक क्लस्टर बनाकर सामूहिक रूप से एक ही स्थान पर जमीन दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसकी कार्ययोजना तैयार की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसको लेकर पहल शुरू की है। अब ऐसे वासहीन परिवारों को नागरिक सुविधाएं विकसित कर ही जमीन दी जाएगी। वहां बिजली-पानी आपूर्ति की व्यवस्था और आंतरिक सड़कें बनाकर कॉलोनी का स्वरूप दिया जाएगा ताकि लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े। सरकार ने इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू करने को कहा है। अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सरकारी जमीन चिह्नित कर उसका क्लस्टर बनाकर वासहीन परिवारों को सौंपने की योजना बना रहे हैं। लाभार्थियों को 3 से 5 डिसमिल तक जमीन मिलेगी। इससे नए स्लम खड़े नहीं होंगे। इस समय सरकार वासहीन परिवारों को उपलब्धता के आधार पर यत्र-तत्र जमीन मुहैया कराती है। नागरिक सुविधाओं के अभाव में वे वहां जाना नहीं चाहते। कई मामलों में सरकारी जमीन चौर जैसे सुदूर इलाकों में दिये जाते हैं। जहां लोगों को एक साथ जमीन भी दी गई,वहां नागरिक सुविधाओं के अभाव में घर स्लम जैसे बन जा रहे हैं। इस साल 21 हजार परिवारों को मिलनी है जमीन इस साल 21 हजार वासहीन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराना है। सरकार के सर्वेक्षण में 1.16 लाख वासहीन परिवारों का पता चला था। इसमें 95 हजार परिवारों को वासभूमि मिली है। शेष 21 हजार को इस साल जमीन मिलेगा। इसी तरह अति पिछड़ा वर्ग के 17 हजार गृहविहीन परिवार में से 14 हजार को जमीन मिली है। शेष 3 हजार को जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के 10 हजार गृहविहीन परिवारों में से 8 हजार को जमीन दे दी गयी है। शेष को इस साल देने की योजना है।