मोतिहारी जमीन रजिस्ट्री में राजस्व चोरी पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी गयी है। जमीन रजिस्ट्री में कैटगरी छिपा राजस्व की चोरी करना महंगा पड़ेगा। सरकार के निर्देश के मुतलिक अब जमीन रजिस्ट्री के बाद धरातलीय रुप में जांच होगी। जांच में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के विरूद्ध धारा 47 के तहत कार्रवाई शुरू होगी। इस अधिनियम के तहत चोरी की गयी राजस्व की वसूली के साथ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। विगत 22 फरवरी से यह नियम जिला अवर निबंधन कार्यालय सहित सभी आठ निबंधन कार्यालयों में लागू कर दिया गया है। 31 मार्च तक इस पैटर्न पर शहरी व पेरीफेरल क्षेत्र की जमीन रजिस्ट्री के बाद उसकी जांच की जाएगी। जमीन रजिस्ट्री के बाद कार्यालय कर्मी जाएंगे जांच मेंजमीन की रजिस्ट्री के बाद निबंधन कार्यालय के कर्मियों को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें कार्यालय के ऑपरेटर भी शामिल हैं। जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद उस स्थल पर कर्मी जाकर जमीन की कैटगरी की जांच करेंगे। इसमें जमीन के प्रकार में दो फसला,विकासशील,आवासीय या व्यवसायिक कैटगरी में है,इसकी जांच करेंगे। इसके अलावा जमीन का खाता,खेसरा व रकबा की जांच की जाएगी। कर्मी जांच में देखेंगे कि दस्तावेज में जो तथ्य अंकित है वह सही है या इसमें किसी प्रकार की हेराफेरी की गयी है। इसको लेकर कर्मियों को भी हिदायत दी गयी है कि जांच में किसी तरह की कोताही बरतने पर उनके विरूद्ध भी कार्रवाई होगी।