बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि गुजरात से 50 हज़ार हिंदी भाषी मजदुर पलायन कर चुके है। बिहार, झारखड एवं उत्तरप्रदेश के हिंदी भाषी मजदुर अपने घर परिवार को लेकर एवं स्वयं मजदूरी करने के लिए गुजरात एवं अन्य प्रदेश जाते है और अपने बीवी बच्चों को छोड़ कर दिन भर इमारतें,खेतों,कंपनियां आदि में तरह-तरह के काम करते है और अपने परिवार का भरण पोषण करते है । आज गुजरात से हिंदी भाषियों को मार पीटकर खदेड़ा जा रहा है। आज बिहार के नेता गुजरता जाकर हाल-चाल लेने का प्रयास भी नहीं कर रहे है। चुनाव नजदीक है इसलिए सभी नेताओं को दिहाड़ी मजदूरों की चिंता सता रही है। ज़रा सोचा जाये कि बिहार के लोग दूसरे प्रदेशों में क्यों जाते है,अगर हमारे राज्य में भी कल-कारखाने,फैक्ट्री,उद्योग आदि होते तो वे नहीं जाते है। इसपर किसी भी राजनीती पार्टी विचार नहीं किया है।अगर गुजरात से बिहार के सभी मजदूर आ जायेंगे, तो गुजरात के फैक्ट्री में ताले लग जायेंगे।