शिवशंकर मंडल जी बिहार के मधुबनी जिले के खुटौना प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि एकत्रित पानी पर आता है मच्छर ,मलेरिया रोग फैलता है मच्छर ,थोड़ी सी अगर हम बरतें सावधानी,होगी नहीं मलेरिया रोग से परेशानी। मलेरिया नियंतरण हेतु मलेरिया के उपुक्त प्रारंभिक लक्षण के साथ ही सामान्य बुखार होने पर भी खून की जाँच नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में करवानी चाहिए। घर एवं घर के आस पास बने गढ़ों ,नलिकों ,बेकार पड़े खाली डिब्बों ,पानी की टंकियों ,गमलों ,टायर ट्यूब में पानी एकत्रित नहीं होने देना चाहिए अथवा जमे हुए पानी में मिटटी के तेल की कुछ बूंदें अवश्य डालने चाहिए साथ ही कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदल कर उसमे भी मिटटी के तेल की कुछ बूंदें डालनी चाहिए। मलेरिया एवं जनित रोगों से बचने के लिए कीटनाशक उपचारित मच्छरदानियों का अथवा सामान्य मच्छरदानियों का उपयोग सोने के समय अवश्य ही करने चाहिए। मिटटी के दीये या लैंप में नीम का तेल मिलाकर जलाने चाहिए जिससे मच्छर के लिए विकर्षक का कार्य करता है। मच्छर से बचाव हेतु घरों में कीटनाशक कोइल भी जलाया जा सकता है। यदि आपके गावों में डीडीटी का छिड़काव सरकार द्वारा कराया जाता है ,उस छिड़काव को घरों के परतेक कमरों व दीवारों में करवाने चाहिए साथ ही छिड़काव के एक महीने तक उन दीवारों में लीपा पोती नहीं करनी चाहिए।मलेरिया के प्रारंभिक लक्षण ठण्ड लगना ,कपकपी ,सर दर्द ,तेज बुखार ,उल्टी ,चक्क्र आना एवं अत्यधिक पसीने के बाद बुखार का घटने लगना और ऐसा प्रतिदिन या एक -दो-दिन या निश्चित अंतराल के बाद होता है।