वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से डब्लू पंडित की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रोहित कुमार से हुई। रोहित कहते है कि सरकार को इस बात का ध्यान देना चाहिए की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हक़ मिल रहा है या नहीं। साथ ही महिलाओं को भी अपने हक़ अधिकार की जानकारी रखने के लिए जागरूक होना होगा। अगर महिला आगे बढ़ कर अपने हक़ के लिए लड़ेगी तो कानून बनेगा और उन्हें अधिकार मिलेगा ही । अगर बेटियों को अपना जमीनी अधिकार लेना है तो सभी बेटियों को एकजुट हो कर सरकार से मांग करनी होगी।

बिहार राज्य के गिद्धौर ज़िला के बनाडीह से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनू से हुई। ये कहते है कि अभी महिलाओं के नाम से भूमि अधिकार नहीं है। क्योंकि वो शिक्षित नहीं है और इस कारण उन्हें अधिकार की जानकारी नहीं है। अगर महिलाओं के नाम भूमि होगा तो महिलाओं के लिए अच्छा होगा,उनका विकास होगा । संविधान में जो भूमि का अधिकार का कानून बना है वो कमज़ोर नज़र आ रहा है। अभी सरकार द्वारा सर्वेक्षण हो रहा है ,इससे महिलाओं को लाभ पहुचेंगा और अभी वंशावली और कुछ दस्तावेज़ों की मांग की जा रही है ,ये जुगाड़ करना महिलाओं के लिए मुश्किल होगा क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। महिलाओं को शिक्षित होना पड़ेगा ताकि वो विकास कर पाए

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी महेंद्र यादव से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए। इससे महिलाएं खेती कर के आत्मनिर्भर होंगी। अपने बच्चों का बेहतर भविष्य बना पायेंगी। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी की महिला अगर शिक्षित होती है, तो वह कई पीढ़ी को शिक्षित करती है। अपने आस - पास भी शिक्षा का प्रचार प्रसार कर लोगों को शिक्षित करने का प्रयास करती है। हमारे समाज में महिलाओं को शुरू से आगे बढ़ने से रोका गया है। आज महिला पिछड़ी हैं क्योंकि शिक्षा और जागरूकता की कमी है। अगर महिलाओं को शिक्षित किया जाए तो हमारा देश का विकास होगा। भारत में शिक्षा के मामले में बिहार सबसे नीचे है, लेकिन इसमें अभी भी सुधार हो रहा है और आने वाले दिनों में और सुधार होंगे।साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी की पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं ली जाती है। लेकिन अगर महिला के नाम पर संपत्ति हो तो कई तरह के लाभ होते हैं। बिहार में अभी महिलाएं बड़े पैमाने पर भूमि सर्वेक्षण में भाग नहीं ले पाएंगी। क्योंकि यह भूमि सर्वेक्षण थोड़ा गलत समय पर हो रहा है। क्योंकि अभी फसल का समय है और लोगों के पास कागज उपलब्ध नहीं है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी किशोर से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने तो महिलाओं को जमीन पर अधिकार दिया है। लेकिन जब तक महिला शिक्षित नहीं होगी और लाज का पर्दा हटा कर अपने अधिकार के लिए आगे नहीं बढ़ेंगी उन्हें अपना अधिकार नहीं मिलेगा। आज के आर्थिक युग में कोई मायके वाले अपने स्वेच्छा से महिला को हक़ नहीं देंगे। लेकिन महिला अपने मायके से संबन्ध नहीं खराब करना चाहती है। इसलिए अपने हक के लिए आगे नहीं आती। लेकिन अगर महिला के नाम पर भूमि हो तो वो ना केवल आर्थिक रूप से बल्कि उनका सर्वांगीण विकास संभव है। इसके साथ ही उन्होंने जानकरी दी की बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण का जो निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार को लोगों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करना होगा। जागरूकता होगी तब ही लोग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। लोगों को भी अब इस बात को स्वीकार करना चाहिए की महिला का भी संपत्ति में हक है और उन्हें अपनी इच्छा से उनका हक देना चाहिए

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी मोहम्मद इस्माइल से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को जमीन पर अधिकार नहीं दिया जाता है। लेकिन अगर सरकार के निर्देशानुसार उन्हें हक दिया गया तो उन्हें बहुत हिम्मत मिलेगी। उनका मान - सम्मान बढ़ेगा। उनका विकास हो पायेगा। बिहार में हो रहे भूमि सर्वेक्षण में महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन इस सर्वेक्षण में यह बात बताई ही नहीं गई है की वंशावली कैसे बनवायें जो मान्य होगा। अभी वंशावली के नाम पर ही ठगी चल रही है। इसलिए महिला हो या पुरुष सभी को इस काम में परेशानी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शिक्षा की कमी है। इसके कारण भी महिला अपने अधिकार से वंचित रह जाती है। लेकिन अभी इन सब चीजों में सुधार आ रहा है। महिलायें नौकरी करने में भी आगे हैं। लेकिन उन्हें सही मानदेय नहीं मिलता है। जिसके कारण वो नौकरी छोड़ देती हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी राजेश कुमार से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को समाज में भूमि का अधिकार दिलाने में भूमि सर्वेक्षण बहुत बड़ी भुमिका निभायेगी। महिला को अगर हक़ मिल जाए तो बहुत लाभ होगा। लेकिन महिलाओं को अपने अधिकार के लिए आगे बढ़ना होगा। दूसरी बात यह है की आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अभाव है। लेकिन महिलाओं को किसी और की सहायता ले कर भूमि सर्वेक्षण में हिस्सा जरूर लेना चाहिए। समाज में अब भी पुरुष प्रधान सोच है, जिसके कारण महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं ली जाती है। लेकिन अगर महिलाओं के नाम पर जमीन खरीदी जाएगी तो समाज का भी विकास होगा

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी मुकेश ठाकुर से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को भूमि का अधिकार होना चाहिए। इससे महिलाओं को लाभ होगा इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी लाभ होगा। लोग महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं लेते हैं। लेकिन इससे उन्हें लाभ होगा ,कर में छुट भी मिलेगा। आज की महिलायें शिक्षा पर भी बहुत ध्यान दे रही हैं। पहले अशिक्षा पिछड़ापन का कारण था। लेकिन अब बदलाव आ रहा है। भूमि सर्वेक्षण से महिलाओं को लाभ मिलेगा। लेकिन महिलाओं को जमीन का कागज और थोड़ा अशिक्षित होने के कारण सर्वेक्षण में समस्या होगी।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी जागेशवर ठाकुर से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को भूमि पर अधिकार सरकार दे चुकी है। ऐसे में हमें भी महिलाओं को उनका हक़ जरूर देना चाहिए। महिलाओं को आगे बढ़ाना यानि विकास की ओर अग्रसर होना है। इसलिए महिलाओं को जमीनी अधिकार जरूर मिलना चाहिए। भूमि सर्वेक्षण के कारण महिला को बहुत मदद मिलेगी। लेकिन महिलाओं को इसके लिए कष्ट कर पूरी प्रक्रिया में शामिल होना होगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत सी महिलायें नौकरी छोड़ रही हैं। महिलाओं के नाम पर संपत्ति होगी तो हमारा समाज विकास करेगा। लेकिन अशिक्षा के कारण भी महिलायें अपने हक़ से वंचित रह जाती है

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन सिमुलतला थाना क्षेत्र के निवासी इसराइल से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए। इससे समाज और देश का विकास होगा। बिहार में हो रहे भूमि सर्वेक्षण से भी महिलाओं को बहुत लाभ मिलेगा। कानूनी तौर पर भी महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का हक दिया गया है। ऐसा अगर हुआ तो महिलाओं का विकास होगा। महिला किसी भी काम में पीछे नहीं है बस उन्हें थोड़े सहयोग की जरूरत है