बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तभी संभव हो सकता है जब महिलाओं के नाम से पुरुष वर्ग अपनी जमीन जायदाद का हिस्सा बना देता है। आज के समय में पुरुष महिलाओं के नाम जमीन खरीदना शुरू कर दिए है। घर का बड़ा भाई जब पत्नी के नाम जमीन खरीदना शुरू कर देते है तो उस जमीन में छोटे भाई का हिस्सा नहीं बनता है। जब से महिलाओं के नाम जमीन होने लगा है तब से महिलाओं का घर में मान सम्मान बढ़ गया है और महिलाएँ खुद को आत्मनिर्भर समझने लगी है।महिलाओं को जमीन मिलने से तलाक का मामला कम हो गया है। क्योंकि भय रहता है कि महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर अगर वो मायके चले जाएगी तो जमीन की हकदार महिला होगी। शिक्षित महिला जमीन से होने वाली आय का इस्तेमाल छोटे रोज़गार जैसे सिलाई ,अगरबत्ती , मोमबत्ती बनाना ,लाख की चूड़ी बनाना ,परिवार की देख रेख करना ,बच्चों की पढ़ाई करना आदि में कर रही है। अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ाने का काम कर रही है। जमीन मिलने से महिलाएँ आज के समय में आगे बढ़ गयी है। महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए ताकि भूमि बचा रहे। क्योंकि अक्सर पुरुष की ख़राब लत से दिक्कत आ जाती है और जमीन को बचा कर नहीं रख पाते है।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के छेगुवा पंचायत से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पंचायत समिति सदस्य शम्भू शरण मंडल से हुई। शम्भू शरण मंडल कहते है कि महिलाओं के नाम से जब से जमीन खरीदा जाने लगा तब से महिला का आमदनी बढ़ रहा है। महिला सुरक्षित महसूस कर रही है और समाज में इज्जत पाने लगी है। घर के बड़े बुजुर्ग भी महिला को सम्मान के नज़र से देखता है। आज महिला पुरुष के बराबर में आगे बढ़ रही है। महिलाओं के नाम जमीन होने से उनके जीवन में परिवर्तन दिखने लगा है। महिलाओं के मन से डर भय ख़त्म हो गया है। पहले महिला को तलाक के माध्यम से त्याग दिया जाता है। अब महिला इतनी आत्मनिर्भर बन गयी है कि उनके पास अब संपत्ति की इतनी है कि वो जी खा सकती है। महिला उद्योग ,व्यापार कर सकती है।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर पंचायत से पंचायत वार्ड सदस्य सुनील राम मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से महिला का जीवन बेहतर हो सकता है। अभी देखा जा रहा है कि पुरुष महिला के नाम से जमीन खरीद रहा है। जब जमीन महिला के नाम से खरीदा जाता है तो महिलाओं को लगता है कि उन्हें समाज में सम्मान दिया जा रहा है। जमीन से होने वाले आय का प्रयोग वो शिक्षा ,व्यापार ,कुटीर उद्योग में करती है। व्यापार से महिला अपना आय बढ़ाते रहती है। महिला किसी भी कार्य को सोच समझ कर करती है। वह जानती है कि वो इस आय से कैसे आगे बढ़ सकती है। महिलाएँ फिलजुल खर्च नहीं करती है। यही कारण है कि समाज में महिलाएँ आगे बढ़ रही है।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के नयागांव पंचायत के गेनाडीह ,वार्ड नंबर 5 से वार्ड परिषद संजय रावत मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से महिला का आमदनी बढ़ जाता है और समाज में उनका सम्मान बढ़ जाता है। आमदनी से महिला अपना रोज़गार शुरू कर सकती है। जब परिवार के लोग उनको सम्मान से देखते है तो महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है। महिलाओं के नाम जमीन होने से समाज में महिलाओं को फायदा होगा।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर पंचायत के कैरा कादव टोला ,वार्ड नंबर 11 से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से वार्ड सदस्य भवन कुमार से हुई। भवन कुमार कहते है कि महिलाओं के नाम से जमीन खरीदा जाए और समाज की महिलाओं को आगे बढ़ाया जाए। महिलाओं के नाम जमीन होने से उनका आमदनी बढ़ेगा और आमदनी बढ़ने से उनके परिवार का विकास होगा। जब तक महिला का विकास नहीं होगा तब तक समाज का विकास संभव नहीं होगा।

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत कुरब गांव से सुनीता कुमारी बता रही है कि जब से महिला के नाम से भूमि का हस्तांतरण हो रहा है तब से महिलाओं के जीवन में अमूल्य परिवर्तन आया है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के झाझा प्रखंड से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सिमुलतला निवासी करुणा सिंह से हुई। करुणा बता रही है कि अगर महिलाओं के नाम से जमीन होता है तो उनकी इनकम बढ़ेगी। अगर प्रॉपर्टी में व्यापार करती है तो अन्य महिलाओं को जोड़ कर उनकी तरक्की करने में सहायता कर सकती है। बच्चों की शिक्षा भी अच्छे से करवा सकते है। आत्मनिर्भर बनने पर महिलाएँ प्रताड़ित नहीं हो सकती है वो प्रताड़ना से दूर रहेगी , वह घरेलू हिंसा से बच सकती है।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से खुशी कुमारी कहती हैं कि महिला के नाम से जमीन होने पर घर परिवार का आय बढ़ गया है और वह अपनी आय से कई सुविधा प्राप्त कर रही है। जमीन मिलने से जिंदगी में काफी बदलाव आया है। जमीन अपने नाम पर होने से गर्व होता है और समाज में प्रतिष्ठा भी मिलती है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से रिया कहती हैं कि जमीन का अधिकार महिलाओं को सम्मान देने का जरिया है। महिला के नाम जमीन होने पर वह परिवार में इज्जत की जिंदगी जी सकती है। समाज में उसे उसका हक मिल सकता है। महिला के नाम पर जब जमीन होता है तो परिवार और समाज महिला को अपमानित और प्रताड़ित करने से भी डरते हैं

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के स्वजना ग्राम से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कुमारी दीपा से हुई। दीपा कहती है कि महिलाओं के नाम जमीन जब ख़रीदाता है तो महिलाओं को आर्थिक परिवर्तन और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। महिलाएँ आत्मिक रूप से आत्मनिर्भर बनती है। पैतृक संपत्ति में महिलाओं को अधिकार मिलने से समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिला है। लेकिन अभी भी परिवार में जागरूकता और सामाजिक मान्यताओं में बदलाव की आवश्यकता है। महिलाओं को जब से जमीन मिलना शुरू हुआ है तब से महिलाओं के जीवन में परिवर्तन हुआ है। उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। वो खुद में गर्व महसूस करने लगी है। घर में अधिकार मिलने से बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है