बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड के नुमर से आशुतोष पांडेय की बातचीत गिद्धौर मोबाइल वाणी के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार राणा से हुई। ये कहते है कि शिक्षा बहुत ज़रूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जाता है। इसी कारण महिला पीछे है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। अभी सरकार जितनी सुविधा महिलाओं को हिस्सा दे रहे है ,उसमे महिलाएँ बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है। महिलाओं को शिक्षित कर महिलाओं को विकसित किया जा सकता है।सरकार द्वारा महिलाओं की प्रगति में प्रयास किया जा रहा है। भूमि में महिलाओं को छूट मिला है ताकि लोग जागरूक हो। अगर और छूट दिया जाएगा तो लोग ख़ुशी से माँ या लड़की के नाम से जमीन लेंगे। पहले की पीढ़ी से महिला को पीछे रखा गया है लेकिन अभी बहुत सुधार हो चूका है ,महिला आगे बढ़ रही है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष ,मोबाइल वाणी के माध्यम से रामचंद्र पंडित से बात कर रहे है। ये कहते है कि महिलाओं को मज़बूत बनाने के लिए शिक्षा ,आत्मबल और आत्मविश्वास ज़रूरी है। महिलाओं को मुख्य भूमिका निभाने नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं को घर में बंधन में रखा है। यह ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में है। कुछ ही महिला है जो शिक्षा प्राप्त कर बाहर कार्य कर रही है। इन्ही महिलाओं को देखकर बाकियों को सीखना चाहिए। अन्य लोगों का दायित्व है कि महिलाओं को आत्मविश्वास से भरना चाहिए। बिना महिला के देश नहीं चलेगा। महिला पुरुष दोनों को सम्मान दिया जाए तो सुन्दर समाज से सुन्दर देश का निर्माण होगा। भेदभाव उच्च नीच की भावना से आता है। लोगों की नकारात्मक मानसिकता ही भेदभाव लाता है। मानसिकता सुधरेगी तो भेदभाव मिटेगा। लोगों को जागरूक होना ज़रूरी है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष ,मोबाइल वाणी के माध्यम से श्री नुनेश्वर यादव से बात कर रहे है। ये कहते है कि महिलाओं को मज़बूत बनाने के लिए उन्हें शिक्षा मिलना चाहिए। केवल कानून बनाने से नहीं होगा ,जब तक सामाजिक सहयोग नहीं मिलेगा तब तक महिला आगे बढ़ नहीं सकती है। महिलाओं के साथ भेदभाव घर में ही होता है। शिक्षा के कारण ही महिला भेदभाव की शिकार होती है। इसीलिए शिक्षित करना ज़रूरी है। महिलाओं को जमीन में कानूनी अधिकार मिला है पर सरकार द्वारा सही व्यवस्था नहीं है। यह घर वालों पर निर्भर करता है कि महिला को जमीन मिले या नहीं। और पुरुष प्रधान महिला को भूमि नहीं देते है। सरकार लड़का लड़की को बराबर मान रहे है तो भूमि में भी बराबर का अधिकार है। कानून तो बना है पर अमल नहीं हो रहा है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई ,ये कहते कि महिलाओं के प्रति हिंसात्मक घटनाओं को खत्म करने के लिए सरकार ने कई कार्य किये है ,कई कठोर कानून बनाए है ।लेकिन हिंसात्मक घटनाओं को कम करने के लिए समाज ही भूमिका अदा कर सकता है। लोग अपने बच्चों को बाहर शिक्षा के लिए भेज रहे है ,किताबी ज्ञान मिल रहा है पर सांसारिक ज्ञान नहीं दे पा रहे है। महिलाओं के साथ होनी वाली घटना से महिला को डरना नहीं चाहिए। समाज में अभी भी लोग महिला के नाम से जमीन लेने से हिचकते है। क्योंकि महिला गलत राह में जाती है ,यह सोच से परिवार वाले महिला को जमीन नहीं देते है। महिला को विश्वास दिलाने की ज़रुरत है। ताकि पति पत्नी एक साथ चल पाए। सरकार को कुटीर उद्योग चलाना चाहिए। ताकि महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अजय कुमार से हुई ,ये कहते कि लड़कियों की शिक्षा बहुत ज़रूरी है। माता पिता को अपनी लड़कियों को पढ़ाई ज़रूर करवाना चाहिए साथ ही उन्हें कॉम्पिटिशन में भाग लेने दें जिससे उनका दिमाग विकसित होगा। समाज में लड़कियों को लेकर बोझ है ,उनकी शादी के बारे में ही सोच रखा जाता है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अजय कुमार से हुई ,ये कहते कि महिलाओं के प्रति हिंसात्मक घटनाओं को खत्म करने के लिए सरकार ने कड़े कानून लाए है पर अब सरकार को फाँसी की सजा देनी चाहिए । लड़की अपनी सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा के गुण सीख सकती है साथ ही समाज में सुरक्षा को लेकर अभियान चलाना चाहिए। 112 नंबर डायल कर पुलिस की भी सहायता लेनी चाहिए। महिला को उनके साथ होने वाली घटना को बेझिझक अपने परिवार में बताना चाहिए साथ ही उन्हें डरना नहीं चाहिए। शुरू से देश पुरुष प्रधान देश रहा है। लेकिन अब थोड़ा बदलाव आया है। लोग जागरूक और शिक्षित हुए है ,अब सब एक सामान हुए है। महिला शिक्षा ,राजनीति की क्षेत्र में आ रही है। शहरी महिलाएँ इसमें बढ़ रही है ,पर ग्रामीण क्षेत्र की महिला शिक्षा से दूर है। सरकार को इसमें प्रयास करना चाहिए ,छोटे कुटीर उद्योग खोला जाए ताकि महिला बढ़ पाए। बाकी सब महिला को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ने के लिए प्रयास करना होगा

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रामचन्द्र पंडित से हुई। ये कहते है कि शिक्षा नहीं है इसीलिए महिलाओं पर अपराध अभी भी बढ़ा हुआ है। सरकार द्वारा अपराधों के लिए कठोर कानून बना है लेकिन इसमें और कठोरता लाने की ज़रुरत है। लोग महिलाओं पर विश्वास नहीं करते है ,महिला पूर्ण रूप से परिवार पर विश्वास नहीं दिला पाती है ,कई बार महिला अपने पति को छोड़ कही और चले जाती है और उनके साथ जमीन भी चल जाता है। इस कारण भी लोगों में महिलाओं के नाम जमीन करने में हिचक है। महिलाओं पर विश्वास करना होगा ,महिलाओं को भी अपने परिवार को सहभागी बनाना होगा। महिलाएं आगे बढे इसके लिए सरकार को घरेलु उद्योग में बढ़ावा देना चाहिए। ग्रामीण स्तर में बीड़ी का रोजगार आया लेकिन इसका लाभ अब तक धरातल पर नहीं उतरा। अभी सिलाई मशीन दिया गया लेकिन शिक्षित महिला ही इसका लाभ ले पा रही है। महिलाओं को शिक्षा ,राजनीती क्षेत्र में बढ़ाने के लिए सरकार को जागरूकता फ़ैलाने की ज़रुरत है।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील कुमार यादव से हुई ,ये कहते कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसात्मक घटना को कम करने के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है। शिक्षित व्यक्ति गलत काम नहीं करेंगे। आत्मरक्षा के लिए महिलाओं को जुडो कराटे सीखना चाहिए। आत्मनिर्भरता बहुत ही ज़रूरी है। महिलाओं के नाम से जमीन लेना चाहिए। इसको लेकर गलत मानसिकता नहीं रखना चाहिए। सरकार को शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा ताकि महिला रोजगार के क्षेत्र में आगे बढे। वैसे पहले की अपेक्षा महिलाओं में जागरूकता आ रहा है। कई क्षेत्र में महिला कार्य कर रही है। सरकार को छोटा उद्योग ,व लोन की प्रक्रिया को आसान करना होगा। इससे महिला स्वरोजगार आसानी से करेगी। महिला में आत्मविश्वास रहेगा तो बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकती है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्रह्मदेव मंडल से हुई ,ये कहते कि अब समाज में हिचक नहीं है ,महिलाओं को भूमि का अधिकार दिया जा रहा है । जमीन में महिलाओं के लिए छूट है ,जिस कारण लोग महिला के नाम से ही जमीन खरीद रहे है। अब समाज में लड़की को ही मान्य दिया जा रहे है। परिवार लड़की पर अधिक ध्यान देते है भले ही लोग दहेज़ से डरते है। अगर पैसा नहीं दिया जाएगा तो शादी नहीं होगा ,लड़की बहक जाती है ,यही डर रहता है। दहेज़ प्रथा को दूर करना मुश्किल है। दहेज़ लेना कानूनी जुर्म है ,नहीं देने पर लड़की प्रताड़ित होती है। महिलाओं के साथ जो हिंसात्मक घटना होता है ,वो असल में महिला की मर्ज़ी से होती है ,प्रेम में ही ऐसा होता है। महिला अभी बहुत आगे है ,पढ़ाई में भी बहुत आगे निकल गई है। हर क्षेत्र में महिला आगे हो गई है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के बरहट प्रखंड से आशुतोष की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से वकील मंडल से हुई ,ये कहते कि महिलाओं के प्रति हिंसात्मक घटनाओं को खत्म करने के लिए महिलाओं में जागरूकता ज़रूरी है। समाज को भी एकजुटता लाना होगा और ऐसी घटना को लेकर समाज को ही कार्यवाही के लिए प्रशासन तक बात ले जानी चाहिए। सरकार ने कठोर कानून तो बनाए है पर इसके लिए और कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। इस घटना की कार्यवाही में देर नहीं होनी चाहिए। ताकि ऐसी वारदात रुके। महिला और पुरुष में कोई फ़र्क़ नहीं है ,दोनों का सामान अधिकार है। अगर भेदभाव हो रहा है तो गलत है। संपत्ति में भाई बहन दोनों का बराबर अधिकार है। भ्रूण हत्या समाज का दुर्भाग्य है। अगर इसमें रोक नहीं लगेगा तो आने वाले दिनों में लड़की की संख्या कम हो जाएगी। इसको लेकर समाज को जागरूक होना चाहिए। वही रोजगार के लिए लड़कियो को शिक्षित होना ज़रूरी है। समाज में अन्धविश्वास और गलत मानसिकता है ,जो लड़कियों को पढ़ाने से रोकते है। महिलाओं को शिक्षा अधिक से अधिक देना चाहिए ,सरकार भी महिलाओं के लिए लाभ लाते है