बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से 27 वर्षीय शाहरुख़ खान मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते है कि क्या मोबाइल फ़ोन और सोशल मीडिया बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर से 25 वर्षीय गौतम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके गाँव में युवा , बच्चे अक्सर मानसिक रूप से बीमार नज़र आते है। सोशल मीडिया ,दोस्तों के बीच प्रतिस्पर्धा ,साथियों के दबाव के कारण बच्चों में तनाव दिखता है।आर्थिक तंगी और गरीबी भी बच्चों और युवाओं में तनाव का कारण बनता है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर से 32 वर्षीय पियूष कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके ग्रामीण क्षेत्र में बच्चे ,युवक सब मानसिक रूप से बीमार पड़ रहे है। मानसिक तनाव बच्चों और युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या बन गयी है। परीक्षा ,पढ़ाई ,सामाजिक दबाव और परिवार की अपेक्षाओं के कारण तनाव महसूस करते है। इस कारण वे चिंतित रहते है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर से 40 वर्षीय भीम राज , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके ग्रामीण क्षेत्र में बच्चे ,बड़े सब मानसिक रूप से बीमार पड़ रहे है। बच्चे इसकी चपेट में ज़्यादा आ रहे है। बच्चे में मानसिक तनाव बढ़ गयी है। परीक्षा के दबाव से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। मोबाइल ,सोशल मीडिया से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।इसपर ध्यान देने की ज़रुरत है और उनकी मदद करनी चाहिए ।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।

दोस्तों,14 नवंबर, 1889 को जन्मे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और बच्चों के चहेते चाचा नेहरू के नाम से प्रचलित पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर देश भर में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।इस दिन न सिर्फ पंडित नेहरू को सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, बल्कि बच्चों को उनके शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधित अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है।आइये हम भी आज उन्हें याद करें और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प करें। मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से बाल-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।