झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला से टेकनारायण प्रसाद झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जो मज़दूर दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं, वहाँ उनके साथ शोषण व अत्याचार किया जाता हैं और जाति के नाम पर भी उनके साथ भेदभाव होते हैं। इसके कारण प्रवासियों को काफ़ी कठिनाइयाँ आती हैं। अन्य राज्य जाने से उनमें असहजता की भावना आ जाती हैं जिसके कारण वो भेदभाव,शोषण आती होने के भय में अपने जीवन व्यतीत करते हैं। हर राज्य के सरकार को उन्ही के राज्य में रोजगार के माध्यम को बढ़ाना चाहिए ताकि मज़दूर अपने स्थान में अपने लोगों के बीच में कम मज़दूरी में ही सही पर सुरक्षित रह कर शांतिपूर्ण ढंग से कार्य कर सके।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि कुछ दिन पहले गुजरात में जो घटना हुई है वह काफी दुःखदाई है।राज्य के किसी भी कोणे में सभी को रोजगार करने और जीने का अधिकार प्राप्त है। यह बात सविधान में भी कहा गया है की हर इंसान को सम्मान के साथ जीने,सम्मान के साथ रहने और सम्मान जनक अपनी जिंदगी को गुजर बसर करना चाहिए। यदि किस कारणवश किसी के साथ कोई भी घटना घट जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में केवल एक ही लोग के ऊपर ही करवाई करनी चाहिए ना की सारे समाज के ऊपर। हमारे देश में मजदूरों का स्थान सबसे अहम माना गया है। हिन्दू,मुश्लिम,सिख,ईसाई सबके ऊपर उठ कर एक लेबर ग्रेड का कार्य किया जाता है जो सभी लोगों के लिए एक ईट का काम करते हैं।और ऐसे लोगों को मजबूर कर एक शहर से दूसरे शहर में भगा दिया जाता है जोकि नहीं होना चाहिए। सभी को एक समान अधिकार दिया जाना चाहिए। यह मानना चाहिए की मजदुर के बिना कोई भी काम का हो पाना सम्भव नहीं होता है। यदि मजदुर अपने काम के दौरान कोई भी गलती करते हैं तो उनके लिए कानून बनाई गई है जो उन पर त्वरित करवाई करती है। ऐसी परिस्थिति में समाज और सरकार को यह समझना चाहिए की पुलिस प्रशासन भी दोषी मजदुर पर सख्त करवाई कर उन्हें वापस उनके घर भेज दें। अतः एक मजदुर की सजा सभी को नहीं देना चाहिए क्योकि मजदुर अपने परिवार के कारण ही दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर होते हैं।