उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के ग्राम नागलबारी के रहने वाले एक युवक को कोरोना हो गया था। पूछे जाने पर युवक ने बताया कि जब उन्हें कोरोना हुआ था तब सबसे पहले वो खुद को 14 दिनों तक अपने घर में ही करन्टाइन कर लिया था। आगे बताया कि वो अपने चेहरे में हमेशा मास्क का उपयोग करते थे साथ ही सनीटाईज़र से अपने हाँथों को साफ़ करते थे
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के रहने वाले एक व्यक्ति को कोरोना हो गया था। पूछे जाने पर व्यक्ति ने कहा कि जब उन्हें कोरोना हो गया था तब सबसे पहले वो अपने ही घर में 14 दिनों के लिए करन्टाइन हो गए थे।उन्होंने आगे बताया कि उनके लिए साड़ी व्यवस्था कमरे के अंदर किया गया था जिसे वो बाकी लोगों के संपर्क में ना आये
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के सकरनगर ब्लॉक में रहने वाली महिला कोरोना की बिमारी से पीड़ित थी जिनसे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पहले वो 7 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थी उसके बाद 21 दिनों तक खुद के ही घर में करन्टाइन हो गई थी। आगे बताया कि उन्हें एक अलग कमरा में रखा गया था साथ ही उन्हें सारी सुविधाएँ उस कमरे में ही दी गई थी जिससे वो बाहर निकल के किसी के संपर्क में ना आ पाए
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के रहने वाले एक व्यक्ति को कोरोना हो गया था। उन्होंने बताया की जब उन्हें कोरोना हुआ था तब वो घर में ही खुद को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर लिया था। आगे बताया कि कोरोना के दौरान वो घर के लोगों से दूर रहते थे तथा उनकी दवाइयाँ खाने के सामान बहार से ही दिया जाता था। बवहर नहीं जाने के लिए उन्हें साड़ी सुविधाएं उनके कक्ष में ही दे दी गई थी
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के सैफई में रहने वाले एक व्यक्ति को कोरोना हो गया था। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जब उन्हें कोरोना हुआ था तब वो अपने घर में एकांत में रहते थे।आगे उन्होंने बताया कि 14 दिनों तक वो खुद के ग्फ्हर में ही करन्टाइन हो गए थे तथा घर पर ही उनका दवाई बहार से आ जाता था। आगे बताते हैं कि कोरोना के समाये उनके गाँव के लॉग उनके घर में नहीं आते थे तथा परिजन भी उन्हें खाना पीना दूर से ही देते थे
उत्तर प्रदेश राज्य के जिला इटावा से नौमान श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इटावा के भर्थना में रहने वाले युवक को कोरोना हो गया था।पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जब उन्हें कोरोना हुआ तब वो खुद को 14 दिनों के लिए घर पर कोरन्टाइन कर लिया था। आगे बताया कि कोरोना वो किसी दूसरे में नहीं आते थे तथा घर के लोगों से ज़्यादा नहीं मिलते थे। उन्हें एकांत में रखा गया था और वो समाये से अपना इलाज करते थे अपने चेहरे पर मास्क का उपयोग करते थे और अपने हांथों को सेनेटाइजर से साफ़ करते थे ताकि बिमारी फ़ैल ना सके
उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा जिला से नौमान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ग्राम बुसा में रहने वाले एक पुरुष ने बताया कि जब उनको कोरोना हो गया था वे एक रूम में कोरेंटाइन हो गए थे। उनके परिजन उन्हें दूर से ही खाना देते थे।
उत्तरप्रदेश राज्य के इटावा ज़िला से नौमान ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि ग्राम बिजौली के निवासी बता रहे थे कि वे 22 अक्टूबर 2021 को कोरोना संक्रमित हो गए थे जिस कारण उन्हें 14 दिन तक कोरन्टाइन में रहना पड़ा था। उनका परिवार उनके साथ अच्छा व्यहवार करते थे और कोरोना से बचने के लिए मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करते थे। उनके घर वाले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते थे
उत्तरप्रदेश राज्य के इटावा जिला से नौमान ने श्रमिक वाणी के माध्यम से ग्राम ततपुरा के स्थानीय निवासी सेवकराम से कोरोना से सम्बंधित कुछ बातचीत की। सेवकराम ने बताया कि उन्हें जब कोरोना हुआ था तब वे खुद को दस दिन तक कोरन्टाइन में रखे थे। जिसमें उनके परिवार वालों ने बहुत अच्छे से ध्यान रखा था। उन्हें दवाइयाँ फोन करने पर मिल जाती थी। कोरोना होने पर वे साफ़ सफाई का अच्छे से ध्यान रखते थे
उत्तरप्रदेश राज्य के इटावा ज़िला से नौमान की बातचीत श्रमिक वाणी के माध्यम से महेवा निवासी दीपू से हुई। दीपू बताते है कि उन्हें ढ़ाई महीने पूर्व उनमे कोरोना के लक्षण मिले थे। वो घर में ही क्वारंटाइन थे और घर वालों द्वारा उनकी सेवा हो रही थी। कोरोना से संक्रमित होने पर खान पान पर विशेष ध्यान दिए थे। परिजन अच्छे से व्यवहार करते थे लेकिन बाहर के लोग दूरी बनाते थे
