दिल्ली के नन्द नगरी से रामरती की राय है कि महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलना चाहिए।महिलाओं को उनके पीहर से भी कुछ नही मिलता है और ससुराल में भी उनके नाम सम्पत्ति नही होती है। सम्पत्ति पति के नाम होती है। पति के बाद सम्पत्ति सीधा बेटों के पास चली जाती है। पत्नी धक्के खाती रह जाती है।पत्नियों के नाम सम्पत्ति हो ऐसे कानून बनने चाहिए।