दिल्ली के कपासखेड़ा से रामकरण श्रमिक वाणी के माध्यम से धनंजय प्रसाद से बातचीत किया। बातचीत के दौरान धनंजय ने बताया की ये दिव्यांग है लेकिन पेट चलने के वजह से मजबूर होकर इनको काम करना पड़ रहा है।