उत्तरप्रदेश राज्य के चित्रकूट के रायपुरा से अरुण ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पानी की समस्या के लिए सबसे पहले मानव समाज ही जिम्मेदार है। जहाँ पहले कुआँ खोदा जाता था वहीं अब लोग सुविधा के लिए हर घर में 400-500 फिट बोरिंग करवा रहे हैं। ऐसे में पानी जल का स्तर तो घटेगा ही। वही पहले लोग जितना वृक्ष लगाते थे आज लोग उतना ही वृक्ष काट रहे हैं। अतः अब भी यदि पानी का दुरूपयोग होता रहा तो भविष्य में हम सब को पानी के लिए तरसना होगा। इसलिए आवश्यकता से ज़्यादा पानी का इस्तेमाल न करें। पानी की बचत करें और हमेशा पानी पीने के लिए स्वच्छता का पालन करना चाहिए