दिल्ली एनसीआर के उद्योगविहार से नन्द किशोर ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि श्रमिकों का कहना है कि महँगाई दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और वेतन घट रहा है। महिलाओं का कहना है कि आठ घंटे के काम पर सात से आठ हज़ार मुश्किल से मिल पाता है। इन्हे खड़े हो कर भी काम करना पड़ता है जिस कारण उन्हें शारीरिक समस्या भी होती है। ठेकेदारों द्वारा सही से वेतन नहीं दिया जाता है। जिस तरह हरियाणा सरकार के तय न्यूनतम वेतन अनुसार रेट मिलना चाहिए ,वो मिल नहीं पाती है और श्रमिक इसकी शिकायत भी नहीं कर पाते है। ठेकेदार श्रमिकों की मज़बूरी का फ़ायदा उठा कर अपना मुनाफ़ा कमाते है। महिलाएँ अधिकतर काम ठेकेदारी के माध्यम से ही करते है और इन्हे वेतन बहुत कम मिलता है। कम वेतन में अभी के महँगाई के ज़माने में गुज़ारा करना मुश्किल है