दिल्ली में फैक्ट्री कारखानों में बाल मजदूरी कर रहे हैं बच्चे दिल्ली पुलिस और एमसीडी हो रही है माला माल अगर कोई एमसीडी का कर्मचारी सर्वे करने आ जाता है तो कारखानों में कारखाने मालिक उसकी जेब गर्म कर कर वापसी भेज देता है उसको बाल मजदूरी कर रहे बच्चे परेशान हैं अब बच्चे मजदूरी नहीं करें तो क्या करें क्योंकि उनके घर में खाने को तो कुछ है नहीं सरकार उनकी मदद नहीं करती है जो एनजीओ है वह भी उनकी मदद नहीं करती नरेश कुमार सेन ने हमें बताया के फैक्ट्री कारखानों में नाबालिग बच्चे ज्यादातर काम करते हैं क्योंकि बच्चे रोटी कहां से खाएंगे उनके घर की हालत बहुत खराब है किसी के घर में बाप नहीं है किसी की मां नहीं है किसी का बड़ा भाई नहीं है किसी बच्चे का कोई भी घर में कमाने वाला नहीं है इस कोरोना कॉल और लॉकडाउन में नौकरी चली गई हालत खराब है काम धाम है नहीं और ऊपर से महंगाई मैं मो शाहनवाज साझा मंच मोबाइल वाणी से