हमारे शंकर पाल ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पिछले साल के लॉक डाउन की कड़ाई की अपेक्षा इस वर्ष की लॉक डाउन में कड़ाई कम है। इस साल तेज़ गति से बीमारी फ़ैल रहा था बावज़ूद इसके लॉक डाउन में ढ़िलाई दी गई। कंपनी में काम अभी भी चल रही है भले ही श्रमिक कम है। इसलिए लोग इससे घबराए नहीं। सतर्कता के साथ अपने अपने कामों में लगे रहे