हमारे एक श्रोता पुजारी तिवारी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लॉक डाउन हटने के बाद वे जब गाँव से वापस काम पर आये तो उन्हें काम नहीं मिला जिससे भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है।