महिलाएं आज समग्र रूप से आत्मनिर्भर होकर समाज एवं देश के समक्ष जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करने के साथ ही अपने कामकाजी जीवन और परिवार की हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखते हुए दोनों में बेहतर सामंजस्य स्थापित करने में भी सफल हो रही हैं। महिलाओं के नौकरी करने के कारण घरों की कई आर्थिक समस्याएं भी दूर हो गयी हैं। लेकिन फिर भी कंपनी/फैक्ट्री में उन्हें काफी भेद-भाव का सामना करना पड़ता है। जैसे- उचित वेतन ना मिलना या प्रोत्साहन का अभाव इत्यादि। कुछ महिलाएं यह सब चुप चाप सहन कर लेती हैं तो कुछ विरोध कर देती हैं।अगर महिलाएं अपनी शक्ति पहचान कर व्यवस्था की खामियों को चुनौती देते हुए उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत जुटा लें, तो फिर उन्हें कोई नहीं रोक सकता।