दिल्ली एनसीआर के नोएडा से कांता प्रसाद ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कोरोना वायरस के आते ही भारत के स्वास्थ्य गतिविधियों की पोल खुल गई है। सरकार द्वारा जितना पैसा आयुष्मान भारत में खर्च किया गया ,उतना अगर स्वास्थ्य सेक्टर को सुधारने में ,अस्पताल खोलने आदि में खर्च किए होते तो आज के हालात बेहतर होता।