गुरुग्राम से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लॉक डाउन के दौरान उन्हें मुफ़्त दिए जानेवाले राशन को बाँटने में भी राज्य सरकारें टाल-मटोल कर रही हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री राम बिलास पासवान को तो यहाँ तक कहना पड़ा कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना आदि कुछ राज्य प्रवासी कामगारों को वितरित किए जाने वाले राशन को लेने से भी मना कर रहे हैं। इससे साफ़ होता है कि इन राज्यों को गरीब मज़दूरों के कष्ट से कोई मतलाब नहीं है। प्रधानमंत्री जी द्वारा इस योजना को नवम्बर तक विस्तारित किए जाने पर इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वित होने पर भी संशय के बादल छाए हुए हैं। कई राज्य अनाज उठाने के बाद भी उसे वितरित करने में सक्रियता और दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। अगर प्रधानमंत्री अन्न योजना सही तरीक़े से लागू हो जाय, तो शायद फिर मज़दूरों का पलायन नहीं होगा।