मोबाइल वाणी के साझा मंच पर गिरिडीह झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों के आने का सिलसिला जारी है। इस क्रम में रविवार को दो स्पेशल ट्रेनों से 2131 प्रवासी मजदूर और इलाज कराने राज्य से बाहर गए हुए मरीज पहुंचे। वेल्लोर और बेंगलुरु से वापस लौटे इन प्रवासी मजदूर और मरीजों को गुलाब फूल देकर स्वागत किया गया। हटिया रेलवे स्टेशन पर जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने सभी का स्वागत किया।वेल्लोर और बेंगलुरु से आए लोगों के लिए जिला प्रशासन की ओर से स्टेशन पर समुचित व्यवस्था की गई थी। अपने राज्य में लौटे प्रवासी मजदूर और मरीजों की स्क्रीनिंग की गई थी। मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई। वैसे मरीज जो चल नहीं सकते, उनके लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई थी। स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए राज्य के अलग-अलग जिलों के बसों में बैठा कर उनके घर भेजा गया। बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा वापस लौटे मजदूरों को अपने-अपने घर भेजने के लिए 91 बसों का इंतजाम किया गया था। जिसमें से लातेहार के लिए 11, पलामू के लिए आठ, गढ़वा, लोहरदगा गुमला और खूंटी के लिए एक-एक सरायकेला और पश्चिम के लिए दो-दो, पूर्वी सिंहभूम के लिए तीन, बोकारो के लिए आठ, धनबाद के लिए 11, रामगढ़ के लिए दो, हजारीबाग के लिए सात,चतरा के लिए दो, कोडरमा के लिए चार, गिरिडीह के लिए 10, देवघर के लिए दो, दुमका के लिए चार जामताड़ा के लिए एक, गोड्डा के लिए दो, पाकुड़ और साहिबगंज के लिए एक-एक और रांची के लिए 6 बसों का इंतजाम किया गया था। इनमें लातेहार जिले के 265,पलामू के 181, धनबाद के 269, गढ़वा के 28 ,लोहरदगा के चार, गुमला के पांच, खूंटी के आठ, सरायकेला खरसावां के 37, पश्चिम सिंहभूम के 50, पूर्वी सिंहभूम के 68, बोकारो के 196, धनबाद के 269, रामगढ़ के 38, हजारीबाग के 173, कोडरमा के 102, गिरिडीह के 250 , दुमका के 84,जामताड़ा के 28,गोड्डा के 51, साहेबगंज के 13 और रांची के 152 लोगों को बसों से अलग-अलग जिलों में भेजा गया।