दिल्ली कपासेड़ा से नन्द किशोर प्रसाद साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि कंपनियों में मजदूरों को कम वेतन दिया जाता है लेकिन मजदूरों की मज़बूरी के कारण वे काम करते हैं। कम्पनियाँ मजदूरों का शोषण करते हैं।कम्पनियाँ बैंक में पैसे भेजने के बजाय वे हाथ में पैसे देती है।मजदूरों की मांग है कि उन्हें दिहाड़ी मजदूरी पर ही रखा जाये लेकिन वेतन बढ़ा कर दिया जाये।