दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साजा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से जय राम से हुई। जय राम ने बताया कि पलायित मज़दूरों के साथ बहुत शोषण होता है। मकान का किराया जिस स्तर पर होना चाहिए उतना होता नहीं है। मकान मालिक जबरदस्ती राशन उसी क्षेत्र से लेने के लिए विवश करते है। जबकि बाज़ार के भाव के मुकाबले उनके क्षेत्र में राशन बहुत ही महँगा मिलता है। अगर श्रमिक उनके कहे अनुसार कार्य करने से इंकार करते हैं तो उन्हें मकान खली करवाने की धमकी दी जाती है। इस कारण श्रमिकों को महीनें के बीच में बहुत समस्या आ जाती है। कंपनियों में वेतन का उतर चढ़ाओ तो रहता ही है परन्तु कंपनी प्रबंधन द्वारा मज़दूरों का शोषण भी रुका नहीं है। एक तरफ़ कंपनी द्वारा मज़दूर शोषण झेल रहे है तो दूसरी तरफ़ शोषण मकान मालिक द्वारा भी सहा जा रहा है। यहाँ तक की देखा जाता है निवास स्थान में सफ़ाई की भी उच्तम व्यवस्था नहीं रहती है। गंदगी के बीच श्रमिकों को जीवन बसर करना पड़ता है।