दिल्ली एन.सी.आर के ग्रेटर नॉएडा से मुकेश साझा मंच के माध्यम से बताते है कि वे सेक्टर 11 के श्री भारत कम्पनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करते थे। उनसे कहा गया था कि उन्हें वेतन कम्पनी के द्वारा दिया जायेगा। वे बताते हैं कि कुछ महीने तक तो कंपनी ने सही से वेतन का भुगतान किया लेकिन बाद में जब कम्पनी ने ठेकेदार को भी काम पे रख लिया तो इनके वेतन में कटौती करने लगी। इनके पूछने पर हर बार कम्पनी कहती के अगली बार आपको आपका पूरा बकाया वेतन मिल जाएगा। और अब वे काम छोड़ने के बाद कम्पनी से जब बकाया वेतन के भुगतान कि मांग करने के लिए जाते है तो इन्हे वहाँ से यह कह कर भगा दिया जाता है कि तुम्हारे बकाये का भुगतान ठेकेदार के द्वारा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि ठेकेदार को भी कंपनी से निकाल दिया गया है
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आपको बताना चाहेंगे कि अगर ठेकेदार श्रमिक को पैसा नहीं देता है तो कानून के मुताबिक ये कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वो श्रमिकों के बकाये वेतन का भुगतान करें क्योंकि मुख्य नियोक्ता कंपनी ही है ,वही सबसे ज़्यादा लाभ कमा रही है लेकिन जैसा की आपने बताया कि ठेकेदार से संपर्क नहीं हो पा रहा है तो इस स्थिति में अगर कवी भी आपका सहयोग नहीं कर रही है तो आप श्रम कार्यालय में एक अर्ज़ी दे सकते है।
May 6, 2019, 12:23 p.m. | Tags: int-PAJ wages workplace entitlements