ऋतू और वसन्ती रांची झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से jmv श्रोताओ को घरेलु हिंसा के रूपों जानकारी दे रही है की घरेलू हिंसा सिर्फ शादी शुदा महिलाओ के साथ ही नहीं होता बल्कि एक अविवाहिता के साथ भी हो सकती जिसमे भ्रूण हत्या भी शामिल है साथ लड़की को जब मन-पसंद चीजे ना करने देना भी घरेलु हिंसा है आवाज उठाने पर आनर किलिंग का सामना करना पड़ता है
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झारखण्ड मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे घरेलु हिंसा अभियान के दूसरी कड़ी चलाई गई जिसके महिला हिंसा के कारणोपर चर्चा किया जा रहा है साथ ही यह जानकारी प्राप्त करेंगे की आखिर क्यो होता है महिला हिंसा।और ऐसी समस्या पर महिलाए कानून से कैसे मदद ले सकेंगी।ओए विभिन्न प्रकार से रोक-टोक भेद-भाव मानशिक हिंसा,शारीरिक हिंसा तथा अन्य प्रकार से किया जाने वाला हिंसा भी हिंसा का ही रूप है इस विषय पर काफी लोगो ने अपनी राय झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया।जिसमे अवनीश कुमार दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड से बताते है कि आज घरेलु हिंसा से काफी महिलाए पीड़ित है इससे बचाव के लिए प्रतेक महिलाओ को जागरूक होने की आवश्यकता है।साथ ही पूर्वी सिंहभूम,घाटशिला प्रखंड से चित्रा मांझी बताती हैं कि घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओ के साथ एक सामुदिक बैठक का आयोजन किया गया जिसमे काफी महिलाए शामिल हुई और बताई की घरो में महिलाओ के साथ मारपीट करना घरेलु हिंसा है। इससे बचने के लिए महिलाओ को इसका मुकाबला करना चाहिए।साथ ही पूर्वी सिंहभूम से अजय कुमार भगत ने भी अपना राय कुछ इस प्रकार से रखा की घरो में महिलाए चुपचाप इस हिंसा से प्रताड़ित होती है।अत:महिलाओ को इसका विरोध करना चाहिए और अपने घरो में सब के साथ मिलजुल क्र रहना चाहिए।और अंत में श्रोताओ से यह राय जानना चाहते है की घरेलु हिंसा की शिकार सिर्फ विवाहित महिलाओ के साथ ही नहीं बल्कि अविवाहिता के साथ भी होता है।
झारखण्ड मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे घरेलु हिंसा अभियान के दूसरी कड़ी चलाई गई जिसके महिला हिंसा के कारणोपर चर्चा किया जा रहा है साथ ही यह जानकारी प्राप्त करेंगे की आखिर क्यो होता है महिला हिंसा।और ऐसी समस्या पर महिलाए कानून से कैसे मदद ले सकेंगी।ओए विभिन्न प्रकार से रोक-टोक भेद-भाव मानशिक हिंसा,शारीरिक हिंसा तथा अन्य प्रकार से किया जाने वाला हिंसा भी हिंसा का ही रूप है इस विषय पर काफी लोगो ने अपनी राय झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया।जिसमे अवनीश कुमार दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड से बताते है कि आज घरेलु हिंसा से काफी महिलाए पीड़ित है इससे बचाव के लिए प्रतेक महिलाओ को जागरूक होने की आवश्यकता है।साथ ही पूर्वी सिंहभूम,घाटशिला प्रखंड से चित्रा मांझी बताती हैं कि घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओ के साथ एक सामुदिक बैठक का आयोजन किया गया जिसमे काफी महिलाए शामिल हुई और बताई की घरो में महिलाओ के साथ मारपीट करना घरेलु हिंसा है। इससे बचने के लिए महिलाओ को इसका मुकाबला करना चाहिए।साथ ही पूर्वी सिंहभूम से अजय कुमार भगत ने भी अपना राय कुछ इस प्रकार से रखा की घरो में महिलाए चुपचाप इस हिंसा से प्रताड़ित होती है।अत:महिलाओ को इसका विरोध करना चाहिए और अपने घरो में सब के साथ मिलजुल क्र रहना चाहिए।और अंत में श्रोताओ से यह राय जानना चाहते है की घरेलु हिंसा की शिकार सिर्फ विवाहित महिलाओ के साथ ही नहीं बल्कि अविवाहिता के साथ भी होता है।
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