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झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से मदन लाल चौहान बता रहे है, कि मनुष्य द्वारा बनाए वस्तु से उसकी जाती की पहचान होती है। मिट्टी के दिया से पर्यावरण का ख्याल रख जा सकता है । प्लास्टिक से बने सामानो के बढ़ते प्रचलन से और मिट्टी ना मिल पाने से चाक की रफ्तार दिनों दिन धीमी होती जा रही है। चाक से बनाए गए बर्तन की लोगों के द्वारा सही दाम ना मिल पाने से कुम्हारों के इस पेशे से मोह भंग होते जा रहा है अगर यह समस्या बानी रही तो यह भी कहना सही होगा की चाक कि रफ़्तार थम जाएगी एवम आने वाले समय में कुम्हारों के नस्ल भी अनभिज्ञ रहा जाएंगे। अतः सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं। इस कविता में कहते हैं कि सुनो-सुनो झारखंड मोबाइल वाणी,कहती है यह सबकी जुबानी।गांव नगर या हो मुहल्ले,अपनी समस्या अवश्य बोले।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से सीख पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं। इस गीत के माध्यम से कि कवियों में होते हैं कवित्त के गुण यह सभी जानते हैं। इस लिए हम सभी उनके गुण गाते हैं, नए-नए सीख देते हमको नया कुछ दिखाते हैं। चुटकुले कविता इत्यादि उनके कविता दर्शाते हैं

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक संघर्ष महिला की कहानी के बारे में कहते हैं कि धनबाद जिले के छत्रुटाढ़ बस्ती में रहने वाली श्री मति बसंती देवी का जैसा नाम मेहनत करती है सुबह शाम। सहिया सचिव बन अपने गृहस्त धर्म निभाते हुवे जन सेवा कर रही है। नारी सशक्तिकरण में बढ़ चढ़ कर लेती है हिस्सा , सभी वर्गों की नारी करती है बसंती की किस्सा।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। इस गीत के माध्यम से कहते हैं कि दोनों आँखों से है लाचारी,किसी को देख ना पाएं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राज्य में लगातार पेड़ों की कटाई के कारण जंगल नष्ट हो रहे हैं जिससे हाथियों का झुण्ड जंगलों को छोड़ भोजन की तलाश में अपना रुख गांव की तरफ़ मोड़ लेते हैं।गांव में प्रवेश करते हुए किसानों की फ़सलों को रोंद देते हैं जिससे किसानों को काफ़ी नुकसान हो जाता हैं।गांव के लोग हाथियों को खदेड़ने के लिए मसाल के प्रोग के साथ साथ एल.ई.डी को भी प्रोग में लाते हैं।हाथियों के उत्पात से जो भी नुकसान किसानों को होते हैं उनके मुआवज़े की घोषणा सरकार करती तो हैं परन्तु इसकी प्रक्रियाँ इतनी लम्बी रहती हैं कि गरीब किसान कभी कभी मुआवज़े के तौर पे मिलने वाली रक़म से वंचित रह जाते हैं। हाथियों के गांव में प्रवेश होने का मुख्य कारण वनों की हो रही धड़ाधड़ कटाई हैं। इसमें सबसे बड़ा हाथ इंसानों का ही हैं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों की कटाई कर रहे हैं और इसकी भरपाई हेतु पौधरोपण का विचार नहीं रखते।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला से राधु राय झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रसिद्ध गायक मुकेश चंद्र माथुर के आज पुण्यतिथि में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए विशेष तौर पे उनके जीवन पर आधारित एक प्यारी सी कविता पेश की हैं।जिसकी कुछ पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार हैं "वो आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु श्रोता जगत को दी हज़ारों गीत अर्पण..छोटी सी उम्र में ही आ गए थे मुंबई ,कई फिल्मों में काम किए, 'निर्दोष' पहली फ़िल्म थी उनकी...."

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड के अंतर्गत महुदा क्षेत्र से राधु राय झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार के जीवन पर आधारित एक कविता प्रस्तुत की हैं।जिसकी पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार हैं "निस्वाश पत्रकारिता के धनी पत्रकार कुलदीप नैयर हुआ करते थे..."

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड के महुदा निवासी राधू राय झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मुरलीडीह क्षेत्र में आने वाले कर्मा पर्व के आयोजन हेतु एक बैठक की जिसका अध्यक्षता दिलकेश्वर महतो ने किया।कर्म पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धूम-धाम से मनाने की बात कहते हुए इस बैठक का पूरा संचालन सुल्ती महतो द्वारा हुआ। बैठक में उपस्थित जनता के विचारों के अनुसार करम पर्व झारखण्ड की धरोवर एवं पहचान हैं।इस महोत्सव का हरवर्ष आयोजन कर उनकी संस्कृति की पहचान को बचाएँ रखनी हैं।