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दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक आदिवासी महिला पर हुए अत्याचार को बता रहे है इन्होने बताया कि फूलमणि नाम कि आदिवासी जिनके पति का निधन हो गया था इसके बाद उसके अबला समझ कर उस उसे घर से निकल दिया गाय उसके साथ मार-पीट कि, महिला कि एक सात वर्ष कि बेटी है जो साथ दर-दर कि ठोकर खाने को मजबूर है, इतना ही नहीं महिला ने बताया कि उसके ससुर ने उसे अपने साथ नाजायज सम्बन्ध बनाने को विवश किया और नहीं मानने पर उस पर कई आरोप कर उसे घर से निकल दिया, इस कहानी से यह तो साफ़ है कि हमारे समाज को अपने नज़रिये को बदलने कि जरुरत है
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शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुपमा सिन्हा से साक्षात्कार करते हुए घरेलु हिंसा पर राय दे रहे है। ये कहती है महिलाओ पर हिंसा जन्म से ही शुरू हो जाती है अगर मत के गर्भ में पल रहा बच्चा अगर लड़की है तो उसे जन्म लेने से पहले ही मार दिया जता है या तो उनकी अच्छी तरह देख-भाल नही की जाती है जिस से उसे कुपोषण हो जाता है कुपोषण एक ऐसा जाल है जिसमे गरीब ही उलझते है। छोटे -छोटे बच्चो को ही यह रोग होता है
शैलेन्द्र सिन्हा,दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की महिला हिंसा आज भी बदस्तूर जारी है.इसमें एक महिला बता रही है की कैसे महिला हिंसा किया जाता है तथा प्रताड़ित किया जाता है इनका कहना है की दुमका जिले में महिला हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है.एक छात्र जो मेट्रिक में पढ़ती है उसका अपहरण कर लिया गया.एक महिला को डायन प्रताड़ना के आरोप में मारा पिटा गया,दहेज़ प्रताड़ना के मामले में पति तथा ससुराल वाले के लिए प्रथिमिकी दर्ज की गयी.दुमका के कुसुम्दी गांव की है जिसमे मिंटी देवी ने अपने पति तथा ससुराल वालो पर दहेज़ की मांग तथा मार पीट का आरोप दर्ज कराया।आसनसोल की एक महिला को घर में घुस कर गंभीर रूप से मारा पीटा गया तथा जख्मी किया गया.इस तरह हर दिन महिलाओ के साथ कुछ न कुछ सुनने को मिलता है तथा महिला के साथ हिंसा की वारदात बढती ही जा रही है,कानून के रहते भी महिला सुरक्षित नहीं है इस तरह महिला अपने अप को एक दरी हुई महसूस करती है वह जितना आगे बढ़ कर काम करना चाहती है पर अज भी उसे डर रहता है की कही भी जाए अकेले तो हमारे साथ कुछ हादसा हो सकता है तथा वह दर के साथ आगे नहीं बढ़ पा रही है.उसे प्रोत्साहित किया जाता है आगे बढ़ने के लिए पर महिला हिंसा के कारण वह आगे नहीं बढ़ प् रही है.
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