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सुनीता देवी प्रखंड सिमरिया जिला चतरा झारखण्ड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की पंचायत प्रतिनिधि में महिलाओ को चुनना जरुरी है महिलाओ को एक महिला ही समझ सकती है पुरुष के सामने महिला कुछ बोल नही पाती है इसलिए महिला.को चुना जाये और पुरुषो से महिला कम नही है समाज का उत्थान महिला कर रही है जो आज पुरुष है वह महिला भी है।
मुकेश कुमार चतरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की pds के तहत जो अनाज वितरण किया जाता है वह प्रत्येक माह नही दिया जाता है।इन्होने बताया एक वर्ष में केवल 4 या 5 बार ही राशन वितरित किया जाता है और किरोसिन तेल भी मात्र 2 लीटर दिया जाता है। डीलर से जब इसकी शिकायत की गई तब उन्होंने कहा की प्रत्येक माह राशन नही दिया जा सकता है क्यो की बचे राशन को बेच कर ही उच्च अधिकारियो को पैसे दिए जाते है इसलिए इससे जयादा राशन नहीं दिया जा सकता है। इन्होने कहा इसमें पंचायत भी मिले हुए है और लोगो को राशन से वंचित होना पड़ता है। इन्होने इसकी जाँच की माँग की है।
भल्ला कुमार द्वारा जिला चतरा प्रखंड सिमरिया से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक गीत प्रस्तुत किया गया.
चतरा: अनिल कुमार ने सिमरिया प्रखंड चतरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक कविता प्रस्तुत किया है।
चतरा: अनिल कुमार ने सिमरिया प्रखंड चतरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया है।
मोहम्मद नईम अंसारी द्वारा चतरा,सिमरिया से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर गीत प्रस्तुत किया गया
चतरा: अवधेश कुमार झा सिमरिया थाना क्षेत्र के निवासी है और वर्तमान में शीलापिकेट में प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं जो घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायत कर रहे हैं जो भी महिलाएं उनके पास शिकायत लेकर आती है उनका फर्स्ट FIR दर्ज करवाकर उसका जाँच करने का काम करते है इसके लिए कोई भी फ़ीस नही लगता है. वे कहते हैं घेलु मामला को सबसे पाली वे पंचायत स्टार पर सुलझाने की बात कहते है. और अगर पंचायत के मुखिया लिखित देता है की उनके फाइल्स का उलंघन किया जा रहा है तो उसके बाद ये अपने सतर से कार्रवाई करते हैं।
अवधेश कुमार,चतरा सिमरिया से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की कोई भी महिला यदि उनके पास आती है तो सबसे पहले मैं उस अत्याचार को रोकता है और कोशिश करता हूँ की क़ानूनी सहायता जो हो उसे करते है,जो भी महिला चाहती है की उसे नयाय मिले तो वा बिना पैसे की आवेदन देकर उसपर जो क़ानूनी प्रक्रिया है उसके हिसाब से थाने द्वारा इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएँगे उसके बाद जो आगे की करवाई है वह कोर्ट करेगी. इसमे कोई खर्चा नही है,तथा घरेलू हिंसा जो भी होता है उसका सुधार पंचायत मे होता है अगर पंचायत लिख के दे तभी यह आगे की और जाता है और इस पर करवाई की जाती है .