दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ में ग्राम प्रधान नवल हांसदा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सरकार 1932 के खतियान के रैयीतो को अधिकार/हक़ मिले पर 13 वर्षो में कितनी ही सरकार आयी और गयी पर इसका समाधान नहीं हो सका साथ में यह भी कहते है कि इन्हे भी परा शिक्षको कि जितना मानदेय मिलना चाहिए अभी इनको मात्र 1000 मानदेय मिलता है